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महाभारत की कथा में एक सरोवर, जिसे शंखोद्धार के नाम से जाता जाता था, का जिक्र मिलता है। मान्यताओं के अनुसार ये सरोवर श्रापित था। श्राप के कारण जो कोई पुरुष इसमें स्नान करता था वह स्त्री बन जाता था।
कहा जाता है कि एक बार भगवान शिव और माता पार्वती इस सरोवर के पास ही आराम कर रहे थे। तभी एक राक्षस वहां आ कर उन्हें परेशान करने लगा। गुस्से में शिवजी ने उसका वध कर दिया।
लेकिन राक्षस का अंत करने के बाद उसका शंख उस सरोवर में गिर गया। शिव जी ने श्राप दिया कि इस सरोवर में जो कोई भी स्नान करेगा वह स्त्री बन जाएगा। कहते हैं कि युधिष्ठिर और अर्जुन वनवास के दौरान इसी सरोवर में स्नान करने गए। वे द्रौपदी चीरहरण के पाप को धोना चाहते थे।
सरोवर में नहाते ही युधिष्ठिर और अर्जुन स्त्री बन गए। फिर उन्होंने शिव की आराधना कर इस श्राप से मुक्ति पाई। भगवान शिव के वरदान से युधिष्ठिर और अर्जुन फिर से पुरुष बन गए.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. Rochak khabre इसकी पुष्टि नहीं करता.