15 फरवरी से UPI चार्जबैक प्रोसेस हो जाएगी ऑटोमैटिक, आपको जरूर जानी चाहिए ये बात
Varsha Saini February 13, 2025 03:05 PM

PC: asianetnews

NPCI ने UPI ट्रांजेक्शन के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन्हें TCC और रिटर्न के आधार पर ऑटोमेटेड चार्जबैक अप्रूवल/रिजेक्शन के लिए डिज़ाइन किया गया है।

चार्जबैक क्या है? 

UPI ट्रांजेक्शन में चार्जबैक एक अहम प्रक्रिया है। अगर कोई समस्या होती है, तो इसके ज़रिए आपको अपना पैसा वापस मिलता है। भेजने वाला बैंक यह करता है, लेकिन प्राप्त करने वाला बैंक पहले जाँच नहीं कर पाता। वर्तमान में, भेजने वाला बैंक URCS के ज़रिए चार्जबैक शुरू कर सकता है।

Gसमस्या कहाँ है? 

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चूँकि चार्जबैक उसी दिन शुरू किया जा सकता है, इसलिए प्राप्त करने वाले बैंक को तुरंत जाँच करनी होती है। लेकिन वे इसे ठीक से जाँचे बिना 'रिटर्न' कर सकते हैं। ट्रांसफ़र अनिश्चित होने पर भी इसे चार्जबैक अप्रूवल के तौर पर दर्ज किया जाता है।

इसका समाधान कैसे किया जा रहा है? 

NPCI ने ऑटोमेटेड चार्जबैक अप्रूवल/रिजेक्शन की शुरुआत की है। यह अगले सेटलमेंट साइकिल में अपने आप हो जाता है, जब प्राप्त करने वाला बैंक अपना रिटर्न (TCC/RET) अपलोड करता है। यह सिर्फ़ बल्क अपलोड पर लागू होता है। ये बदलाव 15 फ़रवरी, 2025 से प्रभावी हैं।

उपयोगकर्ताओं पर प्रभाव: यह बदलाव अंतर-बैंक ट्रांजेक्शन प्रोसेसिंग में सुधार करता है। उपयोगकर्ताओं पर इसका प्रत्यक्ष प्रभाव न्यूनतम है, लेकिन इससे लेन-देन की स्पष्टता और गति बढ़ जाती है।
 

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