पढ़ाई के मामले में अपनी राय थोपने से बचें, बच्चे को चुनने से दें अपना करियर
Newsindialive Hindi February 14, 2025 03:42 AM

कहा जाता है कि बच्चे को जन्म देने से कहीं ज्यादा कठिन काम उसकी सही परवरिश करना है। पैरेंट्स बनने के बाद हर छोटी से छोटी बात पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है, क्योंकि कभी-कभी एक छोटी सी गलती बच्चे के जीवन पर गहरा असर डाल सकती है। उदाहरण के लिए, आप देख सकते हैं कि कुछ पैरेंट्स जाने-अंजाने अपने बच्चों पर अपनी इच्छाएं थोपने लगते हैं। वे सोचते हैं कि इस तरह वे बच्चे को सही दिशा में लाएंगे, या फिर उनके हिसाब से वही तरीका सबसे सही है। हालांकि, उनकी यह जिद कई बार बच्चे पर भारी पड़ जाती है। कभी-कभी बच्चे इस दबाव से इतने परेशान हो जाते हैं कि उन्हें अपने माता-पिता ही दुश्मन नजर आने लगते हैं, जिसका असर उनके वर्तमान और भविष्य पर पड़ता है। आज हम कुछ ऐसी पेरेंटिंग मिस्टेक्स के बारे में बात करेंगे, जो बच्चों की परवरिश में नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।

पढ़ाई के मामले में अपनी राय थोपने से बचें

कई बार पैरेंट्स बच्चों से अपनी पसंद की पढ़ाई करवा देते हैं, भले ही बच्चा किसी और फील्ड में रुचि रखता हो। जैसे, आपने देखा होगा कि कुछ बच्चे दसवीं के बाद आर्ट्स लेना चाहते थे क्योंकि उनका सपना इतिहासकार बनने का था, लेकिन पैरेंट्स के दबाव में उन्हें इंजीनियरिंग की ओर मोड़ दिया जाता है। ऐसे बच्चे अक्सर करियर में अच्छा करने के बावजूद खुश नहीं रहते। उनके अंदर गुस्से और फ्रस्ट्रेशन की भावना पैदा हो सकती है। ऐसे में, पैरेंट्स का फर्ज है कि वे समाज और अपनी सोच के दायरे से बाहर निकल कर, बच्चे के मन की भी सुनें। इससे बच्चा खुशहाल रहेगा और आपके रिश्ते में भी मजबूती आएगी।

बच्चे को अपने करियर का चुनाव करने दें

हर पैरेंट्स की यह इच्छा होती है कि उनका बच्चा जीवन में कुछ बड़ा करे, लेकिन जब आप बच्चे पर अपनी पसंद थोपने लगते हैं तो यह ठीक नहीं होता। हो सकता है कि बच्चा आपकी पसंद की सरकारी नौकरी की तैयारी न करना चाहता हो, और उसकी रुचि किसी और फील्ड में हो। जब पैरेंट्स समाज के दबाव या अपनी इच्छा को बच्चे पर जबरदस्ती थोपते हैं, तो बच्चा अपनी पसंद से समझौता कर लेता है। इससे न सिर्फ बच्चे के सपने और खुशियों पर असर पड़ता है, बल्कि उसके मन में गुस्से और नाखुशी की भावना भी पैदा हो सकती है।

शादी से जुड़े फैसलों में दबाव न बनाएं

कई बार पैरेंट्स बच्चों पर शादी को लेकर दबाव डालने लगते हैं। “एक खास उम्र तक शादी कर लो,” “इससे करो, उससे मत करो” जैसी बातें बच्चों पर थोप दी जाती हैं। हालांकि, यह समझना जरूरी है कि शादी जीवन का सबसे अहम पल होता है, और इसे लेकर दबाव डालना बिल्कुल भी सही नहीं है। शादी से जुड़े किसी भी प्रकार का दबाव बच्चे के पूरे जीवन को प्रभावित कर सकता है, और इससे उनका मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है।

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