नई दिल्ली। अमेरिकी एजेंसियों की तरफ से घुसपैठ के आरोप में पकड़े गए भारतीयों की नागरिकता सत्यापित नहीं होने की स्थिति में उन्हें दक्षिणी अमेरिकी देशों में भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
दक्षिण अमेरिका के कुछ देशों में अमेरिका ने इस तरह के अवैध प्रवासियों को रखने की व्यवस्था की हुई है। यह व्यवस्था अस्थायी तरीके की है और जब तक दूसरे देशों की सरकारों की तरफ से उनके नागरिकों की पहचान नहीं कर ली जाती, तब तक उन्हें यहां रखने का इंतजाम है।
कोस्टारिका सरकार ने दिया बयान
प्रवासियों के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन (आईओएम) नाम की एजेंसी इनकी देखभाल करती है। एक दिन पहले ही कोस्टारिका सरकार ने बयान देकर कहा है कि अमेरिका से निर्वासित होने वाले भारतीयों को भी वह स्वीकार करेगा। पिछले एक पखवाड़े में अमेरिका ने वहां अवैध तरीके से रहने वाले 332 भारतीयों को तीन जहाजों से भेजा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा से पहले एक और उनकी यात्रा के समापन के बाद दो जहाज भेजे जा चुके हैं। इसको लेकर विपक्ष की तरफ से केंद्र सरकार पर राजनीतिक हमला भी किया जा रहा है।
18 हजार भारतीय हिरासत में
अमेरिका ने पहले ही भारत से कहा है कि उसकी हिरासत में अभी 18 हजार ऐसे भारतीय हैं, जिन्हें अवैध तरीक से घुसपैठ करने या बगैर कानूनी कागजात के रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
विदेश मंत्रालय ने पिछले दिनों बताया था कि जो भी सूची अमेरिका से मिलती है, उसका यहां पर सत्यापन कराया जाता है और फिर उसके बाद उन्हें भेजने की हरी झंडी अमेरिकी एजेंसियों को दी जाती है। अमेरिकी एजेंसियों ने दुनिया के कई देशों के नागरिकों को घुसपैठ करने के आरोप में गिरफ्तार किया हुआ है।
दक्षिणी अमेरिकी देशों है व्यवस्था
इनमें से अधिकांश दक्षिणी अमेरिकी देशों के हैं। इन देशों की सरकारें भी नागरिकों की सूची का सत्यापन करवाती हैं। इसलिए यहां अमेरिका ने अस्थायी तौर पर रहने की व्यवस्था कर रखी है। पिछले दिनों अमेरिका ने ऐसे ही अवैध तरीके से रहने वालों से भरा एक जहाज पनामा भेजा था, जिसमें कई सारे पाकिस्तानी नागरिक भी थे।
इस बारे में पनामा और कोस्टारिका के साथ अमेरिका ने विशेष तौर पर बातचीत की है। कोस्टारिका के राष्ट्रपति रोड्रिगो चावेस रोबल्स के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, 200 प्रवासियों का पहला जत्था बुधवार को एक वाणिज्यिक उड़ान से जुआन सांतामारिया अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचेगा। हालांकि बयान में यह नहीं बताया गया है कि इसमें कितने अवैध प्रवासी भारतीय होंगे।