इस कांटेदार पौधे में छिपा औषधीय खजाना, कई बीमारियों का प्राकृतिक उपचार
Gyanhigyan February 19, 2025 11:42 PM

नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)। कटेरी का पौधा खासतौर पर अपने कंटीले रूप के लिए जाना जाता है। इसे कंटकारी भी कहते हैं। कटेरी के पत्ते हरे रंग के, फूल नीले और बैंगनी रंग के, और फल गोल और हरे रंग के सफेद धारीदार होते हैं। आयुर्वेद में कटेरी का एक अहम स्थान है; कई समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए यह रामबाण उपाय है।

कटेरी एक प्रकार का कांटेदार पौधा होता है जो जमीन में फैला होता है। इसके कई प्रकार के औषधीय गुण अनेक बीमारियों के उपचार में सहायक होते हैं। स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए इस कंटीले पौधे का उपयोग सैकड़ों वर्षों से किया जा रहा है। हालांकि, बहुत कम लोग इसके फायदों के बारे में जानते हैं।

तनाव और जीवन की भागदौड़ के कारण हर उम्र के लोगों में सिरदर्द की समस्या बहुत आम हो गई है। ऐसे में कटेरी के काढ़े का सेवन करने से सिरदर्द की समस्या से निजात पाया जा सकता है। कटेरी के फल के रस का माथे पर लेप लगाने से भी सिरदर्द कम होता है।

बालों को झड़ने से बचाने और गंजेपन की समस्या को दूर करने के लिए भी कटेरी का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप कटेरी के पत्तों के रस को शहद के साथ मिलाकर सिर में लगाते हैं तो गंजेपन की समस्या दूर हो सकती है। इसके साथ ही कटेरी के फल का रस सिर में लगाने से बालों में रूसी की समस्या में भी आराम मिलता है।

कटेरी का इस्तेमाल आंखों के दर्द, रतौंधी और आंखों के लाल होने जैसी समस्याओं में भी किया जाता है। इसके पत्तों की लुगदी को आंखों पर बांधने से आंखों का दर्द कम होता है और राहत मिलती है। इसके अलावा, कटेरी का सेवन खांसी और सांस से संबंधित समस्याओं में बहुत लाभकारी होता है। कटेरी के फूल का चूर्ण शहद के साथ मिलाकर चाटने से खांसी दूर होती है। इसके अलावा, कटेरी के रस से बने काढ़े का सेवन भी खांसी और अस्थमा जैसी समस्याओं में लाभकारी है।

कटेरी के बीजों का धुआं लेने से दांतों के दर्द में तुरंत राहत मिलती है। इसके अलावा, कटेरी के पत्ते, जड़ और फल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से भी दांतों का दर्द कम होता है। पेट की समस्या को दूर करने के लिए भी यह फायदेमंद है। कटेरी का सेवन पेट दर्द, गैस और अपच की समस्याओं में राहत देने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही यह पाचन को दुरुस्त करने में भी मदद करता है, जिससे पेट संबंधित परेशानियां कम होती हैं।

कटेरी पेशाब की रुकावट, जलोदर और पथरी जैसी मूत्र संबंधी बीमारियों में भी प्रभावी साबित होती है। इसके रस का सेवन मूत्र त्याग में कठिनाई को दूर करने में मदद करता है। कटेरी से गर्भपात के खतरे को भी कम किया जा सकता है। इसका सेवन गर्भवती महिलाओं द्वारा किसी चिकित्सक की सलाह के बाद किया जाता है, ताकि पैदा होने वाला शिशु स्वस्थ हो।

त्वचा और अन्य रोगों में भी यह लाभकारी है। कटेरी की जड़ को पीसकर त्वचा पर लगाने से खुजली, कटने और अल्सर के घावों में राहत मिलती है। यह त्वचा संबंधी रोगों के उपचार में भी मदद करता है। इसके अलावा, श्वेत कंटकारी की जड़ के चूर्ण का सेवन हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है और दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करता है।

कटेरी के पौधे के अद्भुत औषधीय गुण इसे एक बहुमूल्य प्राकृतिक मेडिकल स्टोर बनाते हैं। हालांकि, इसे उपयोग में लाने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी है, ताकि इसका सही तरीके से उपयोग किया जा सके और अधिकतम लाभ प्राप्त हो। यह पौधा न केवल शारीरिक समस्याओं में सहायक है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य में भी सकारात्मक प्रभाव डालता है।

--आईएएनएस

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