लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर को 100 प्रतिशत एफडीआई लिमिट के साथ मिलेगा बढ़ावा
Gyanhigyan February 19, 2025 11:42 PM

नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)। जीवन बीमा क्षेत्र की उच्च पूंजी तीव्रता के कारण विकास को बनाए रखने के लिए पर्याप्त निवेश की आवश्यकता होती है। एफडीआई लिमिट में वृद्धि से इस क्षेत्र को जरूरी पूंजी बढ़ावा मिलेगा, जिससे बीमाकर्ता अपनी मृत्यु दर कवरेज को बढ़ा सकेंगे। यह जानकारी रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

आईसीआरए को उम्मीद है कि बीमाकर्ताओं के लिए रिटेल सेगमेंट में बीमा राशि में वृद्धि रिटेल न्यू बिजनेस प्रीमियम (एनबीपी) में वृद्धि से आगे निकल जाएगी।

प्राइवेट बीमाकर्ताओं ने वित्त वर्ष 2025 में सालाना आधार पर 9 महीनों में रिटेल बीमा राशि में 41 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो रिटेल एनबीपी वृद्धि के 17 प्रतिशत से अधिक है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि नए बिजनेस (वीएनबी) मार्जिन वाले गैर-भागीदारी (गैर-बराबर) प्रोडक्ट की हाई वैल्यू से कम वीएनबी मार्जिन वाले यूनिट-लिंक्ड इंवेस्टमेंट प्लान (यूएलआईपी) प्रोडक्ट की ओर प्रोडक्ट मिक्स में बदलाव को देखते हुए, वीएनबी मार्जिन पर दबाव जारी रहने की संभावना है।

इसके परिणामस्वरूप प्रोडक्ट शिफ्ट के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए बीमित राशि और राइडर अटैचमेंट में वृद्धि होगी।

जीवन बीमाकर्ताओं के लिए पूंजी की आवश्यकता भी लागू बीमित राशि का एक कार्य है, बीमित राशि में उच्च वृद्धि के साथ, वृद्धिशील विकास के लिए पूंजी की तीव्रता उच्च रहने की उम्मीद है।

इसके परिणामस्वरूप इस क्षेत्र के लिए वृद्धिशील पूंजी आवश्यकताओं में वृद्धि होगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में प्रस्तावित विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) सीमा में 100 प्रतिशत की वृद्धि से इस क्षेत्र में पूंजी का प्रवाह बढ़ सकता है और भारत में सुरक्षा अंतर कम हो सकता है।

जबकि, ऐतिहासिक रूप से, जीवन बीमा प्रीमियम में वृद्धि निवेश संबंधी विचारों से प्रेरित रही है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जीवन बीमा निगम (एलआईसी) रिटेल और ग्रुप एनबीपी में पर्याप्त हिस्सेदारी के साथ बाजार पर हावी है, हालांकि, बीमा राशि के मामले में निजी बीमाकर्ता सबसे आगे हैं।

आईसीआरए की उपाध्यक्ष नेहा पारिख ने कहा, "मोरटैलिटी प्रोटेक्शन के लिए अपफ्रंट कैपिटल, रिस्क मैनेजमेंट और रिइंश्योरेंस टाइ-अप की जरूरत होती है, जिसके परिणामस्वरूप बीमा राशि बाजार का कंसन्ट्रेशन होता है। रिटेल और ग्रुप बीमा राशि के भीतर, रिटेल सेगमेंट में पूंजी की आवश्यकता और भी अधिक है, यह देखते हुए कि जोखिम बहुत लंबी अवधि के लिए अंडरराइट किया जाता है।"

"कुछ बड़े प्राइवेट बीमाकर्ता अपने लंबे परिचालन इतिहास से लाभान्वित होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप बैकबुक अधिशेष होता है, इसलिए, आंशिक रूप से उच्च बीमा राशि को अंडरराइट करने की उनकी क्षमता का समर्थन करता है।"

--आईएएनएस

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