इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसी औषधि के बारे में बताने जा रहे हैं जो जानवरों के लिए तो अमृत तो इंसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. आइए जानते हैं इस जंगली औषधि के फायदों के बारे में विस्तार से...
जानवरों के लिए तो अमृत तो इंसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है इस औषधि का नाम तिरुकैल्ली है, जिसको भद्रचूर के नाम से भी जाना जाता है. आयुर्वेद चिकित्सक का कहना है कि तिरुकैल्ली औषधि एक नहीं बल्कि अनेक गंभीर रोगों में बेहद लाभकारी है.
इन बीमारियों में कारगर
इस औषधि का प्रयोग काफी रोगों में किया जाता है. इससे जो लेटेक्स निकलता है उसको खांसी, जुकाम, अस्थमा, कान दर्द दांत दर्द में इस्तेमाल किया जाता है. तिरुकैल्ली औषधि के जूस को प्रयोग करने से दस्त में राहत मिलती है. तिरुकैल्ली औषधि के छिलके को पोटली में बांधकर अगर फ्रैक्चर हुए जगह पर सिंकाई करें तो इससे आराम मिलता है. वहीं तिरुकैल्ली औषधि के तने का प्रयोग हड्डियों के टूटने में किया जाता है. तिरुकैल्ली औषधि पशुओं का जब पेट खराब हो जाता है तो उसमें यह अमृत का काम करता है.
ये है साइड इफैक्ट्स
तिरुकैल्ली औषधि का प्रयोग आंखों में नहीं करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को भी इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए. इसका बहुत ज्यादा प्रयोग करना भी हानिकारक होता है. उल्टी, दस्त सर दर्द जैसी परेशानी हो सकती है. तिरुकैल्ली औषधि का सही लाभ पाने के लिए आप आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह लेकर ही उपयोग करें वरना लाभ की बजाय हानिकारक भी हो सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.