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पिछले दिनों एकनाथ शिंदे ने कहा कि मुझे हल्के में मत लेना। उन्होंने कहा था कि मैंने 2022 में सरकार बदल दी थी। उन्होंने कहा था कि मुझे हल्के में मत लो। जिन्होंने हल्के में लिया था, उनकी गाड़ी पलट गई। उनका इशारा साफ तौर पर उद्धव ठाकरे की सरकार गिराने की ओर था।
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उन्होंने आगे कहा कि जो समझना चाहते हैं, वो समझ लें। मैं अपना काम करता रहूंगा। बीते कई सप्ताह से एकनाथ शिंदे और भाजपा के बीच तनाव चल रहा है। एक तरफ ठाणे के भाजपा नेता संजय वाघुले ने कहा कि जनता दरबार में 400 टोकन बांटे गए। गणेश नाइक ने कहा कि राजनीति में किसी की भी पकड़ स्थायी नहीं रहती। नेतृत्व बदलता रहा है। यह चीज तो जनता की स्वीकार्यता पर भी निर्भर करती है कि किस का दबदबा रहेगा।