तो चलिए जानते हैं, कपूर के द्वारा शरीर में फैले विष को बाहर कैसे निकाला जाता है।
कपूर के उपयोग:
अगर बिच्छू या सांप के काटने पर, आधे ग्राम कपूर को सेब के रस में मिलाकर हर आधे घंटे में पीने से शरीर में फैला विष पसीने या मूत्र के रूप में बाहर निकल जाएगा। कपूर सिर्फ पूजा में ही नहीं, रसोई में भी बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। एक और बात यह है कि हमारे पूर्वजों ने शरीर के लिए कपूर का इस्तेमाल किया था। यह पानी में मौजूद बैक्टीरिया, धूल, और गंदगी को हटाता है। मानसून के समय मच्छरों की समस्या अधिक होती है। बच्चों को मच्छरों से बचाने के लिए, आधे बाल्टी पानी में नीम पत्ते और कपूर डालकर उसे उबालना चाहिए, जब तक कि भाप न निकलने लगे। इस मिश्रण से फर्श को पोछने से मच्छर वहाँ नहीं आएंगे।
सुबह उठते ही पहला काम होना चाहिए दांतों की सफाई। ब्रश पर कपूर लगाकर दांत साफ करने से मुँह की बदबू चली जाती है। साथ ही दांतों में जर्म्स भी मर जाते हैं।
जो लोग समस्याओं से परेशान हैं, उनके लिए कपूर बहुत फायदेमंद है। नारियल तेल में कपूर मिला कर एक घंटे बाद सिर में लगाना चाहिए। इससे रूसी गायब हो जाती है और बालों का झड़ना भी रुक जाता है।
कपूर की गोलियों को कपड़े में लपेटकर रात को गर्दन में पहनने से, सुबह इसे हटा दें। इससे शरीर में रक्त संचार अच्छे से होता है और पाचन तंत्र भी बेहतर काम करता है। शरीर की सभी क्रियाएँ ठीक से काम करने लगती हैं।
कपूर जलाने से प्रदूषण कम होता है और वातावरण शुद्ध रहता है। यह संक्रामक बीमारियों से बचाव करता है। पानी में कपूर की गोलियाँ डालकर पलंग के नीचे रखने से मच्छर नहीं आते।
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.