Translated Hindi autobiography: An excerpt from 'Apne Hi Dhun Mein', by Ruskin Bond
Scroll February 26, 2025 01:39 AM

रस्किन बॉन्ड के आत्मकथा अपनी धुन में का एक अंश, अनुवाद प्रभात सिंह, राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित।


मैं उन लोगों में से नहीं हूँ, जो यह खोजने के लिए अपनी वंशावली खँगालते रहते हैं कि उनकी एक परदादी रूस के ज़ार की रिश्तेदार थीं और एक परनाना के भाई तो शायद महारानी विक्टोरिया के महबूब ही थे। मैं यह स्वीकार करके ख़ुश हूँ कि मेरे दादा बॉन्ड एक उम्दा फ़ौजी थे (वे ड्रिल सार्जेंट के ओहदे से रिटायर हुए थे) और मेरे नाना क्लर्क ने उत्तर रेलवे के लिए रेलगाड़ी के मज़बूत डिब्बे बनाने में मदद की थी। दादा अपनी रेजिमेंट के साथ जब इंग्लैंड से आए थे, उनकी उम्र सत्रह साल थी। नाना की पैदाइश डेरा इस्माइल ख़ान में हुई थी, जो सरहद की चौकी वाला इलाक़ा था। वहाँ उनके पिता कमिश्नर के दफ़्तर में क्लर्क थे। उस समय मि. डूरंड वहाँ कमिश्नर हुआ करते थे। ये वही शख़्स थे, जिन्होंने भारत (वह हिस्सा जो अब पाकिस्तान है) और अफ़गानिस्तान के बीच डूरंड रेखा खींची थी।

दादा बॉन्ड पैदल सिपाही थे, इसलिए हमेशा एक छावनी से दूसरी छावनी सफ़र करते रहते, जिसका नतीजा यह हुआ कि उनके चारों बच्चे अलग-अलग जगहों पर पैदा हुए। मेरे पिता का जन्म 24 जुलाई, 1896 को गर्मी और धूल-धक्कड़...

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