छतरपुर, 2 मार्च . स्थानीय मोतीलाल विधि महाविद्यालय छतरपुर में पर्यावरण संरक्षण गतिविधि जिला छतरपुर महाकौशल प्रांत द्वारा हरित संगम 2025 कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि वन विभाग के सीसीएफ एन एस यादव ए माध्यमिक शिक्षा मंडल के उपाध्यक्ष श्रीनिवास रावए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रामकृष्ण ज्योतिष गुरु रामकुमार पाठक और जिला सहसंघचालक रामकृपाल गुप्ता बतौर अतिथि मंच आसीन रहे.
हरित संगम कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सर्वप्रथम कौशल्या रजक द्वारा बंजर भूमि में किए गए पौधारोपण जल संरक्षण जैविक सब्जी उत्पादन आदि विषयों पर बाेलते हुए कहा कि समाज और शासन की सहभागिता से प्रमाणिकता के आधार पर बड़े से बड़ा कार्य पूर्ण किया जा सकता है. गौरतलब है कि श्रीमती कौशल्या रजक और उनकी टीम का प्रोत्साहन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मन की बात में किया गया था. इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक रामकृष्ण जी ने अपने संबोधन में कहा कि प्रकृति में भूमि, जल, वायु सहित पंचतत्व रहते हैं इनमें एक प्रतिशत मानव भी हैं जो सबसे कम हैं. उन्होंने कहा, हम सभी लोग विभिन्न पहलुओं पर संरक्षण संवर्धन की बात करते हैं लेकिन मुख्य जड़ मानव जो सबसे महत्वपूर्ण इकाई है उसे अनदेखा करते हैं.
रामकृष्ण जी ने कहा कि हरित धर्म, हरित परिसर और हरित कर्म इन तीन बिंदुओं पर कार्य करने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि पर्यावरण को लेकर भारत का 134 नंबर पर दुनिया में नाम आता है. भारत में 28 वृक्ष प्रति व्यक्ति उपलब्ध हैं जो अन्य देशों की तुलना में अपेक्षाकृत बहुत कम है. उन्होंने अन्य पड़ोसी देश की तुलनात्मक विवेचना कर चिंता व्यक्त की. संघ प्रचारक ने कहा कि देश के तेरह शहर ऐसे हैं जो जलस्तर को लेकर शून्य प्रतिशत आंकलन हैं. पर्यावरण संरक्षण को लेकर उन्होंने समाज के विभिन्न पहलुओं जैसे स्कूल, धर्मालय, पुजारी, स्वयंसेवी संस्थाएं, महिलाओं और पत्रकारों की भूमिका को रेखांकित किया .
इस अवसर पर ज्योतिष गुरु रामकुमार पाठक ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारी संस्कृति वेद, पुराण, रामायण, सुखसागर और गरुड़ पुराण सहित अन्य वेद आदि का अध्ययन करने के बाद स्पष्ट होती है कि किस तरह आदिकाल से पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए हमारे पूर्वजों ने कार्य किया है, ऐसे में वर्तमान में भी भारत को पर्यावरण के संकट से बचाने के लिए अपने पूर्वजों का अनुसरण करने की आवश्यकता है. वहीं, हरित संगम कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एनएस यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश में एक लाख किलोमीटर वन क्षेत्र की भूमि है, जिसमें से 40 प्रतिशत भूमि बिगड़े वन क्षेत्र के रूप में देखी जाती है, इस वन क्षेत्र का सुधार करने की चुनौती हमारे सामने है. उन्होंने कहा कि सरकार और समाज यदि सांझा प्रयास करें तो हमारे मध्य प्रदेश में यह काम आसान हो सकता है.
सीसीएफ ने बताया कि मध्य प्रदेश बाघों को लेकर पहले स्थान पर है. पूर्व में यहां 526 बाघ थे जिनकी संख्या बढ़कर 785 हो गई है, इससे स्पष्ट होता है कि जितना भी वन क्षेत्र है वह हमारी प्रकृति के और वन्य जीव के लिए अनुकूल व सुंदरतायुक्त है. एनएस यादव ने बताया कि वनों को सर्वाधिक संकट आगजनी की घटना से होता है, वर्तमान में हम सबको इस दिशा में कार्य करने की महती आवश्यकता है कि हमारे वनों को आगजनी से बचाया जा सके.
इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि माध्यमिक शिक्षा मंडल के उपाध्यक्ष श्रीनिवास राव ने पंच परिवर्तन के संबंध में जानकारी दी. श्रीनिवास राव ने बताया कि स्व का बोध अर्थात स्वदेशी, नागरिक कर्तव्य , पर्यावरण संरक्षण , सामाजिक समरसता और कुटुंब प्रबोधन इन पंच कार्यक्रमों को लेकर हमें घर-घर जाने की आवश्यकता है. श्रीनिवास राव ने कहा कि हमें अपने आसपास रचनात्मक कार्य करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करते रहना चाहिए ताकि उनके द्वारा और अच्छे नवाचार किए जाएं. श्रीनिवास राव ने कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रस्तुति देने वाले डॉक्टर केएन मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों को और बेहतर समाज जागरण के लिए प्रेरित किया. कार्यक्रम के समापन अवसर पर पर्यावरण और सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अनेक लोगों को प्रशस्ति-पत्र, शाल श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया गया.
/ सौरव भटनागर