Balaji Phosphates IPO GMP क्या दे रहा है संकेत, 7 मार्च को NSE SME पर शेयर होंगे लिस्ट

बालाजी फॉस्फेट्स लिमिटेड आईपीओ (Balaji Phosphates IPO) 50.11 करोड़ रुपये जुटाने के लिए 28 फरवरी को खुल कर 4 मार्च को बंद हुआ. यह इश्यू 41.58 करोड़ रुपये के मूल्य वाले 59.40 लाख शेयरों का फ्रेश इश्यू और 8.53 करोड़ रुपये वाले 12.18 लाख ऑफर फॉर सेल शेयरों का कॉम्बिनेशन है. शेयर अलॉटमेंट की प्रक्रिया के बाद निवेशकों की निगाह लिस्टिंग पर लगी हुई है. कंपनी के शेयर 7 मार्च को NSE SME पर शेयर के लिस्ट होने की उम्मीद है.बाजार विश्लेषकों के अनुसार अनलिस्टेड मार्केट में Balaji Phosphates IPO GMP शून्य रुपये है. Balaji Phosphates IPO का प्राइस बैंड 66-70 रुपये प्रति शेयर है. कैप प्राइस और वर्तमान जीएमपी के आधार पर शेयर की अनुमानित लिस्टिंग प्राइस 70 रुपये हो सकती है, यानी फ्लैट लिस्टिंग का इशारा मिल रहा है और निवेशकों को निराश होना पड़ सकता है.ध्यान देने वाली बात यह है कि जीएमपी एक संकेत मात्र है और तेजी से बदलाव के अधीन है. इस इश्यू को लेकर ग्रे मार्केट में कोई हलचल नहीं रही, जिसका असर सब्सक्रिप्शन पर भी नजर आया.बालाजी फॉस्फेट एसएमई आईपीओ कुल मिला कर 1.21 गुना ही बुक हुआ. इस इश्यू को रिटेल कैटेगरी में 1.09 गुना, एनआईआई कैटेगरी में 1.34 गुना और क्यूआईबी कैटेगरी में 1.26 गुना सब्सक्राइब किया गया.कंपनी फ्रेश ऑफर से प्राप्त शुद्ध आय का उपयोग पूंजीगत व्यय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तथा सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों को पूरा करने के लिए करेगी.बालाजी फॉस्फेट्स लिमिटेड, सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी), एनपीके दानेदार और मिश्रित उर्वरक तथा जिंक सल्फेट का निर्माण और आपूर्ति करता है, जो सभी भारत के उर्वरक नियंत्रण आदेश मानकों के अनुरूप हैं.कंपनी अपने उत्पादों को 'रत्नम' और 'बीपीपीएल' ब्रांड के तहत खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं और सहकारी समितियों सहित विभिन्न ग्राहकों को बेचती है. उत्पाद पोर्टफोलियो में एसएसपी, जिंक सल्फेट और एनपीके मिक्स जैसे फॉस्फेट उर्वरक शामिल हैं.अरिहंत कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड बालाजी फॉस्फेट्स आईपीओ का बुक-रनिंग लीड मैनेजर है. स्काईलाइन फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड इस इश्यू का रजिस्ट्रार है.(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं)