होली के लिए घर पर इस तरह तैयार करें प्राकृतिक रंग, जानें आसान तरीका
Lifeberrys Hindi March 10, 2025 09:42 AM

होली देशभर में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। लोग एक-दूसरे पर रंग डालते हैं, गुलाल उड़ाते हैं और तरह-तरह के पकवानों का आनंद लेते हैं। यह त्योहार खुशियों और मेल-मिलाप का प्रतीक होता है। खासकर बच्चों और युवाओं के लिए होली खेलने का एक अलग ही उत्साह रहता है। बच्चे तो कई दिनों पहले से ही गुब्बारे, पिचकारी और रंगों की तैयारियां करने लगते हैं। लेकिन आजकल बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त रंग त्वचा और सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए नेचुरल और ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल करना एक बेहतर विकल्प है। आप घर पर ही कुछ प्राकृतिक तरीकों से रंग बना सकते हैं, जो पूरी तरह सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल हैं।

चुकंदर से गहरा लाल रंग

चुकंदर का रस प्राकृतिक रूप से गहरे लाल रंग का होता है और इसका उपयोग होली के लिए सुरक्षित रंग बनाने में किया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले चुकंदर को धोकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और कद्दूकस कर लें। इसके बाद कद्दूकस किए गए चुकंदर से रस निकालें और इस रस को सूती कपड़े में लपेटकर धूप में अच्छी तरह सुखा लें। जब यह पूरी तरह सूख जाए, तो इसे मिक्सी में पीसकर बारीक पाउडर बना लें। यह एक बेहतरीन प्राकृतिक लाल रंग होगा, जिसे आप सुरक्षित रूप से होली खेलने में इस्तेमाल कर सकते हैं।

पालक से हरा रंग

पालक से बना हरा रंग त्वचा के लिए पूरी तरह सुरक्षित होता है। इसे बनाने के लिए पालक की ताजे पत्तियों को अच्छी तरह धो लें और पानी में उबाल लें। जब पत्तियां अच्छी तरह नरम हो जाएं, तो इन्हें धूप में सुखा लें। पूरी तरह सूखने के बाद इन्हें मिक्सी में पीसकर पाउडर बना लें। इस पाउडर का उपयोग होली में हरे रंग के रूप में किया जा सकता है। पालक में कई पोषक तत्व होते हैं, इसलिए यह त्वचा पर किसी भी तरह का दुष्प्रभाव नहीं डालता है।

गाजर से नारंगी रंग

गाजर से नारंगी रंग तैयार करना बहुत ही आसान और प्रभावी तरीका है। गाजर को अच्छे से धोकर कद्दूकस करें और इसे धूप में सुखाने के लिए फैला दें। जब यह पूरी तरह सूख जाए, तो इसे मिक्सी में पीसकर बारीक पाउडर बना लें। यह नारंगी रंग का पाउडर प्राकृतिक और सुरक्षित होता है, जिससे होली के दौरान त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। गाजर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा के लिए भी लाभकारी होते हैं।

हल्दी से पीला रंग

हल्दी प्राकृतिक रूप से पीले रंग की होती है और इसके एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा के लिए बेहद लाभदायक होते हैं। होली में हल्दी का उपयोग पीले रंग के रूप में किया जा सकता है। इसके लिए शुद्ध हल्दी लें और इसे अच्छे से पीसकर पाउडर बना लें। यह रंग पूरी तरह से प्राकृतिक होता है और इसे त्वचा पर लगाने से किसी भी प्रकार की जलन या एलर्जी की समस्या नहीं होती। हल्दी त्वचा को निखारने और उसमें नमी बनाए रखने का भी काम करती है।

गुलाब की पंखुड़ियों से गुलाबी रंग

गुलाब की ताजगी भरी पंखुड़ियों से भी आप प्राकृतिक गुलाबी रंग बना सकते हैं। इसके लिए गुलाब की पंखुड़ियों को अच्छी तरह धोकर धूप में सुखा लें। जब पंखुड़ियां पूरी तरह सूख जाएं, तो इन्हें मिक्सी में पीसकर बारीक पाउडर बना लें। इस पाउडर का उपयोग गुलाबी रंग के रूप में होली खेलने में किया जा सकता है। यह रंग न केवल सुरक्षित होता है, बल्कि इसकी खुशबू भी बहुत मनमोहक होती है।

गेंदे के फूलों से पीला और नारंगी रंग

गेंदे के फूलों का उपयोग भी प्राकृतिक रंग बनाने के लिए किया जा सकता है। गेंदे के फूलों की पंखुड़ियों को इकट्ठा करके अच्छे से धो लें और फिर धूप में सुखा लें। जब यह सूख जाए, तो इसे मिक्सी में पीसकर बारीक पाउडर बना लें। इससे हल्का पीला और नारंगी रंग प्राप्त किया जा सकता है, जो त्वचा और पर्यावरण दोनों के लिए सुरक्षित होता है।

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