सीकर। 11 मार्च तक चलने वाला खाटू श्यामजी का फाल्गुन मेला का मुख्य आयोजन आज फाल्गुनी एकादशी, जिसे आंवला एकादशी के नाम से जाना जाता है, को हो रहा है। इस अवसर आज बाबा श्याम 125 किलो चांदी के रथ पर नगर भ्रमण करेंगे और भक्तों को दर्शन देंगे। इस दौरान देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हरियाणा समेत विभिन्न राज्यों से बाबा के दर्शन को पहुंचे हैं।
चांदी के रथ पर सवार होकर निकलेंगे बाबा श्याम
फाल्गुन शुक्ल एकादशी के दिन श्याम दातार नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। जीपनुमा दो घोड़ों वाले रथ पर चांदी से बने गर्भ गृह में सवार होकर बाबा श्याम की सवारी सुबह मंदिर परिसर से गाजे-बाजे के साथ रवाना होगी। श्री श्याम मंदिर कमेटी के मंत्री पृथ्वी सिंह चौहान ने बताया कि मंदिर से सवारी मुख्य बाजार, महिला श्याम कुण्ड, शनि मंदिर होते हुए अस्पताल चौराहे से होकर कबुतरियां चौक पर पहुंचेगी।
इसके पहले रविवार को 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए। फिलहाल बाबा के फाल्गुनी लक्खी मेले में खाटू नगरी चारों ओर से आ रही पदयात्राओं की संगम स्थली बनी हुई है। फाल्गुनी मेले के दौरान खाटू की हर गली बाबा श्याम के रंग में रंगे भक्तों से अटी पड़ी है। हर कोई श्याम की दीवानगी में झूमता नाचता दरबार की ओर चला आ रहा है। रोजाना हाथों में श्याम का निशान और मन में आस्था लिए भक्त बाबा की एक झलक पाने को मंदिर पहुंच रहे हैं।
नोखा में बना 125 किलो चांदी का रथ
बाबा श्याम का रथ 125 किलो चांदी से बीकानेर के नोखा में बना है। नोखा के सिल्वर वर्क्स के रामगोपाल चांडक और सुनील राहड़ ने बताया कि 8 मजदूरों ने रोजाना काम करके इसे एक महीने में तैयार किया। उन्होंने बताया कि इसके दानदाता का नाम गुप्त रखा गया है। यह विशेष रथ बाबा श्याम की सवारी के लिए बनाया गया है, जो उनके भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। रथ नोखा से 7 मार्च को रवाना होकर 8 मार्च को खाटू श्याम पहुंच चुका है। रथ को धक्का नहीं लगाना पड़े, इसके लिए जीप की बॉडी पर इसे तैयार किया गया है।
चढ़ाए जाएंगे छप्पन भोग
श्री श्याम मंदिर कमेटी के कोषाध्यक्ष कालू सिंह चौहान ने बताया कि एकादशी के दिन बाबा श्याम के विशेष श्रृंगार के साथ 56 भोग चढ़ाए जाएंगे। इस भोग को तैयार करने के लिए कारीगर अन्य प्रदेशों से बुलाए गए हैं। कारीगर बाबा के छप्पन भोग के लिए तीन दिनों से भोग की तैयारी में जुटे हुए हैं। इसके दशमी के दिन सलोने श्याम को गुलाब, मोगरा, गुलदाउदी आदि सुगंधित फूलों से लखदातार का दरबार महकता रहा। जबकि आज एकादशी पर बाबा श्याम का अब तक का सबसे विशेष श्रृंगार किया गया है। जिसमें देसी विदेशी फूलों के अलावा ड्राई फ्रूट्स का भी इस्तेमाल किया गया है।
पदयात्रियों का जनसैलाब
बाबा श्याम के वार्षिक लक्खी मेले में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। भक्तों के होंठों पर "श्याम नाम" की गूंज, आंखों में भक्ति के आंसू और तन-मन में हर्षोल्लास का संचार खाटूधाम में भक्ति का ऐसा महासंगम विरले ही देखने को मिलता है। हर साल की तरह इस बार भी हजारों श्रद्धालु विभिन्न राज्यों से पदयात्रा कर बाबा श्याम के दरबार में पहुंचे हैं। भक्तजन रंग-बिरंगे निशान और ध्वजाएं लहराते हुए भजन-कीर्तन करते नजर आ रहे हैं। कई भक्त नंगे पांव, तो कुछ दंडवत करते हुए यात्रा पूरी कर रहे हैं। पैरों में छाले और थकान भी उनकी भक्ति को रोक नहीं पा रही।
11 रंगों के निशान अर्पित
श्रद्धालु बाबा श्याम को केसरिया, सफेद, सुनहरा, लाल, पीला, नीला, आसमानी, हरा और गुलाबी सहित 11 अलग-अलग रंगों के निशान अर्पित कर रहे हैं। भक्त खुद भी श्याम प्रेम में रंगे नजर आ रहे हैं। सिर पर श्याम लिखा दुपट्टा और साफा बांधे श्रद्धालु भजन-कीर्तन में लीन हैं। श्याम प्रेम में डूबे भक्तों को अपनी भूख-प्यास की भी सुध नहीं है। पूरा दिन बाबा के दर्शन और भजनों में लीन श्रद्धालु खुशी से झूम रहे हैं।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था चौकस कर रखी है। पुलिस के साथ ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी की मदद से निगरानी रखी जा रही है। लाखों श्रद्धालु बाबा श्याम के चरणों में शीश नवाने पहुंच रहे हैं। नगर में चारों ओर भक्ति, आस्था और उल्लास का माहौल बना हुआ है।