रागिनी विश्वकर्मा और हनी सिंह
रैप के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुके यो-यो हनी सिंह का नया गाना 'मैनियाक' यूट्यूब पर जबरदस्त लोकप्रियता हासिल कर रहा है। इस गाने के भोजपुरी बोल सिंगर रागिनी विश्वकर्मा ने गाए हैं, जो दर्शकों को काफी पसंद आ रहे हैं। यह रागिनी का पहला बॉलीवुड गाना है, जिसके बाद वह सुर्खियों में आ गई हैं। हाल ही में एक मीडिया चैनल के साथ बातचीत में, रागिनी ने अपने संघर्ष के बारे में खुलकर बात की।
आपका गाना हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ है, क्या आप लंबे समय से बॉलीवुड में आने की कोशिश कर रही थीं?
मुझे कभी नहीं लगा था कि मुझे बॉलीवुड में गाने का मौका मिलेगा। यह तो मेरे लिए एक सपना भी नहीं था। लेकिन मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे हनी सिंह जैसे बड़े कलाकार के साथ गाने का अवसर मिला। आज मुझे जो प्यार और समर्थन मिल रहा है, उसके लिए मैं बेहद खुश हूं।
जब पहली बार हनी सिंह की टीम से कॉल आया, तो आपकी खुशी का क्या आलम था?
जब मुंबई से विनोद वर्मा जी का कॉल आया, तो मुझे लगा कि यह कोई धोखा होगा, क्योंकि सोशल मीडिया पर ऐसे कई लोग परेशान करते हैं। लेकिन फिर हमें यकीन दिलाया गया कि उन्हें सच में एक भोजपुरी सिंगर की जरूरत है। इसके बाद 4 से 5 दिन की रिहर्सल के बाद गाने की रिकॉर्डिंग हुई। तब भी मुझे यकीन नहीं था कि मेरा गाना बॉलीवुड में इस्तेमाल होगा।
क्या गाना रिलीज होने के बाद आपको हनी सिंह से मिलने का मौका मिला?
अभी तक हमारी कोई बातचीत नहीं हुई है। लेकिन अगर माता रानी चाहेंगी और हनी जी का समर्थन रहेगा, तो मैं उनसे जरूर मिलूंगी।
क्या हनी सिंह आपको मुंबई बुलाते हैं, तो क्या आप आना चाहेंगी?बिल्कुल, मैं तुरंत आऊंगी। मैंने पहले भी मुंबई में दो बार यात्रा की है और मुंबा देवी के दर्शन किए हैं। मुझे विश्वास है कि जब मैं तीसरी बार आऊंगी, तो मुझे उनका आशीर्वाद मिलेगा।
गाना देखने के बाद आपके माता-पिता और परिवार की खुशी का क्या हाल था?हम सब बहुत खुश थे। लेकिन मेरे माता-पिता थोड़े पुराने ख्याल के हैं और उन्हें सोशल मीडिया के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। अब धीरे-धीरे उन्हें समझ में आ रहा है कि मैं मशहूर हो गई हूं।
आपके संघर्ष के बारे में जानना चाहेंगे, यह सफर आपके लिए कितना कठिन था?
आपने सही कहा। बहुत से लोगों को यह नहीं पता कि यहां तक पहुंचने के लिए मैंने कितनी मेहनत की है। मैंने ऐसे समय देखे हैं जब हमें एक समय का खाना भी नसीब नहीं होता था। मेरे माता-पिता ने मुझे बताया कि जब मैं 11-12 साल की थी, तब मैं अपने छोटे ढोल के साथ बाहर निकलती थी।
अब मैं एक लड़की हूं और जब मैं काम के लिए अपने शहर से बाहर जाती हूं, तो लोग मुझे बदनाम करने की कोशिश करते हैं। लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी।