होलिका दहन और होली, सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह रंगों का पर्व है, जिसमें लोग अबीर और गुलाल के साथ एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशियाँ मनाते हैं। यह त्योहार भाईचारे और एकता का प्रतीक है। होली से एक दिन पहले होलिका दहन का आयोजन किया जाता है, जिसे छोटी होली भी कहा जाता है।
फाल्गुन मास की पूर्णिमा को बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक के रूप में होलिका दहन किया जाता है। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को होली (फगुआ) मनाई जाती है। इस वर्ष, होलिका दहन 13 मार्च को होगा, जबकि होली का पर्व 14 मार्च को मनाया जाएगा।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि 13 मार्च को सुबह 10:35 बजे से शुरू होकर 14 मार्च को दोपहर 12:23 बजे तक रहेगी। इस दिन होलिका दहन का शुभ समय 13 मार्च की रात 11:26 बजे से 14 मार्च की सुबह 12:30 बजे तक रहेगा।
होलिका दहन के दिन भद्रा का साया
इस वर्ष होलिका दहन के दिन भद्रा का साया रहेगा। मान्यता है कि भद्रा में शुभ कार्य करने से वे सफल नहीं होते। भद्रा 13 मार्च को सुबह 10:35 बजे से शुरू होकर रात 11:26 बजे तक रहेगी।