राजस्थान के Ajmer में अफसरों की मनमानी और अब 120 करोड़ के प्रोजेक्ट पर होगा बुलडोज़र एक्शन, जानिए क्या है पूरा मामला ?
aapkarajasthan March 13, 2025 02:42 PM

अजमेर न्यूज़ डेस्क - राजस्थान के अजमेर जिले में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत किए गए अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की कार्रवाई प्रशासन ने तेज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए पर्यावरण नियमों की अनदेखी और मास्टर प्लान के उल्लंघन के चलते कई महत्वपूर्ण निर्माणों को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं। इस तरह अफसरों की मनमानी के चलते अजमेर शहर को 120 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा। इन निर्माणों की मंजूरी भाजपा सरकार के दौरान मिली थी, जबकि काम कांग्रेस सरकार में पूरा हुआ, जिसके चलते दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

1947 करोड़ में बना था प्रोजेक्ट
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का कुल बजट 1947 करोड़ रुपए था, जिसमें 50% राशि केंद्र सरकार, 30% राज्य सरकार और 10-10% अजमेर विकास प्राधिकरण और नगर निगम ने दिया। प्रमुख निर्माणों में 11.12 करोड़ रुपए की लागत से सेवन वंडर्स, 7.29 करोड़ रुपए की लागत से फूड कोर्ट, 39.83 करोड़ रुपए की लागत से पैस, 15.29 करोड़ रुपए की लागत से पटेल स्टेडियम तथा 7.80 करोड़ रुपए की लागत से कोटड़ा गांधी पार्क का निर्माण किया गया।

डीपीआर पर 20 करोड़ रुपए खर्च हुए
इन परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने में भी 20 करोड़ रुपए खर्च हुए। अब सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश के बाद हाइड्रोलिक क्रेन की मदद से सेवन वंडर्स से स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी की प्रतिमा को हटाया गया। जेसीबी और क्रेन की मदद से फूड कोर्ट और अन्य स्थानों की सफाई की जा रही है।

भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी बयानबाजी
नगर निगम के उप महापौर नीरज जैन ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये परियोजनाएं तत्कालीन गहलोत सरकार, अधिकारियों की तानाशाही, अदूरदर्शिता और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गईं। वहीं, कांग्रेस नेता और अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी महेंद्र सिंह रलावता ने इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने और नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

उत्तर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी महेंद्र सिंह रलावता
सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश पर की जा रही कार्रवाई की जानकारी देते हुए अजमेर एडीएम सिटी गजेंद्र सिंह राठौड़ ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों के तहत की जा रही है। उन्होंने कहा कि निर्माणों को ध्वस्त करने का फैसला किसी राजनीतिक दबाव में नहीं, बल्कि कानूनी आदेशों की पालना में लिया गया है।

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