अपने पैसे की ठगी से बचने के लिए ये 5 उपभोक्ता अधिकार जानना बेहद जरूरी है! सही जानकारी न होने पर आपको बड़ा नुकसान हो सकता है – जानें कैसे करें ठगी से बचाव।
हर ग्राहक को पता होनी चाहिए ये 5 कंज्यूमर राइट्स, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान
आज 15 मार्च को विश्वभर में विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए समर्पित है। यदि आप बाजार या ऑनलाइन खरीदारी करते हैं, तो आप उपभोक्ता हैं। कई बार लोग एमआरपी (MRP) से अधिक कीमत चुकाने, खराब उत्पाद प्राप्त करने या नकली सामान खरीदने जैसी समस्याओं का सामना करते हैं। ऐसे में आपके पास कंज्यूमर राइट्स हैं, जिनके माध्यम से आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
उपभोक्ताओं को उन उत्पादों या सेवाओं से बचने का अधिकार है जो उनकी जान या संपत्ति के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसमें खराब गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ, घटिया इलेक्ट्रॉनिक सामान, नकली दवाएं या खराब चिकित्सा सेवाएं शामिल हैं। इस अधिकार के तहत ग्राहक अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने हितों की रक्षा कर सकते हैं।
सूचना का अधिकारहर उपभोक्ता को अपने द्वारा खरीदे गए उत्पाद या ली गई सेवा के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है। इसमें उत्पाद की कीमत, गुणवत्ता, मात्रा, शेल्फ लाइफ, निर्माण और एक्सपायरी डेट जैसी महत्वपूर्ण जानकारी शामिल होती है। यदि किसी उत्पाद पर यह जानकारी उपलब्ध नहीं है, तो उपभोक्ता को इसे जानने का पूरा अधिकार है।
चयन करने का अधिकारउपभोक्ता को अपनी पसंद से किसी भी उत्पाद या सेवा को चुनने का अधिकार है। कोई भी दुकानदार, कंपनी या ब्रांड उपभोक्ता को किसी विशेष उत्पाद को खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। चाहे वह मोबाइल कंपनियां हों, बैंकिंग सेवाएं हों, बीमा पॉलिसी हो या सुपरमार्केट के उत्पाद, उपभोक्ता अपनी पसंद से खरीदारी कर सकते हैं।
सुनवाई का अधिकारयदि किसी उपभोक्ता के साथ किसी उत्पाद या सेवा के माध्यम से धोखाधड़ी होती है, तो उसे अपनी शिकायत दर्ज कराने और उसकी सुनवाई का पूरा अधिकार है। भारत में इसके लिए विशेष उपभोक्ता फोरम बनाए गए हैं, जहां ग्राहक अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
न्याय पाने का अधिकारयदि किसी उपभोक्ता को खराब सेवा या उत्पाद प्रदान किया गया है, तो उसे मुआवजा पाने का पूरा अधिकार है। इसके लिए उपभोक्ता अपनी शिकायत कंज्यूमर डिस्प्यूट रिट्रेसल फॉरम में दर्ज करवा सकते हैं। इसके बाद इस फोरम में मामले की सुनवाई की जाती है और उपभोक्ता को उचित मुआवजा दिया जाता है।