दिल्ली और अंबाला के बीच रेलवे मार्ग का फोरलेन विस्तार: यात्रियों और माल परिवहन की बढ़ती मांग को देखते हुए रेलवे मंत्रालय ने इस मार्ग को फोरलेन बनाने का निर्णय लिया है। यह नया विस्तार मौजूदा दो ट्रैक की तुलना में यात्रा संबंधी समस्याओं को हल करेगा, ट्रेनों की गति में वृद्धि करेगा और यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाएगा।
परियोजना की लागत और समय: इस परियोजना पर कुल 7,074 करोड़ रुपये खर्च होंगे, और इसकी कुल लंबाई 193.6 किलोमीटर होगी। इसे पूरा होने में लगभग चार साल का समय लगेगा। इस परियोजना के अंतर्गत 32 रेलवे स्टेशनों पर विकास कार्य किए जाएंगे, जहां अतिरिक्त प्लेटफार्म, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और यात्री सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया: इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसमें 15 गांवों से कुल 11 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। प्रभावित गांवों के मालिकों को उचित मुआवजा भी दिया जाएगा। इसके अलावा, 80 हेक्टेयर भूमि निजी स्रोतों से प्राप्त की जाएगी, जबकि 5 हेक्टेयर भूमि सरकारी होगी।
यात्रा का समय कम होगा: फोरलेन ट्रैक के निर्माण से ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी, जिससे यात्रा का समय कम होगा। इसके साथ ही, यात्री सुविधाओं और सुरक्षा में भी सुधार होगा। इस परियोजना से रेल यात्रा में समग्र सुधार होगा, और माल परिवहन में भी तेजी आएगी।
स्थानीय विकास में योगदान: इस परियोजना से स्थानीय क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ सकती हैं, क्योंकि माल ढुलाई में वृद्धि होने से व्यापार और उद्योग को लाभ होगा। रेलवे नेटवर्क के विस्तार से रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे, जो स्थानीय निवासियों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।
यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं: दिल्ली और अंबाला के बीच रेलवे मार्ग का फोरलेन विस्तार यात्रियों को बेहतर सुविधाएं, तेजी से यात्रा और अधिक सुरक्षा प्रदान करेगा। यह परियोजना क्षेत्रीय विकास में योगदान देगी और स्थानीय समुदायों के लिए आर्थिक अवसर पैदा करेगी।