जयपुर न्यूज़ डेस्क - राजस्थान में लाखों उपभोक्ताओं ने अपने पानी और बिजली के बिल जमा नहीं करवाए। इसके चलते राजस्व की वसूली नहीं हो पा रही है। हर साल एमनेस्टी योजना शुरू की जाती है, लेकिन इस बार उपभोक्ताओं को अभी तक इंतजार है।
500 करोड़ से अधिक की वसूली होनी है
प्रदेश में पांच लाख से अधिक कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं पर पानी और बिजली के बिल बकाया हैं। हर परिवार के पास एक कनेक्शन है और यह राशि 500 करोड़ से अधिक है। उपभोक्ता बकाया राशि जमा करवाने के लिए पेनल्टी और ब्याज में छूट का इंतजार कर रहे थे, लेकिन इस वित्तीय वर्ष के समाप्त होने में करीब 12 दिन शेष रह गए हैं। लेकिन दोनों विभागों ने बकाया राशि वसूलने के लिए एमनेस्टी योजना शुरू नहीं की है। इसके चलते विभाग का बकाया राजस्व अटका हुआ है।
छह माह से पानी का बिल नहीं, अब पेनल्टी की वसूली
जयपुर शहर समेत प्रदेश के कई शहरों में उपभोक्ताओं को छह माह से पानी के बिल नहीं मिल रहे थे। एईएन कार्यालयों में भी संपर्क किया गया, लेकिन इसका कारण बिल प्रिंटिंग और रीडिंग का मामला बताया गया। अब वित्तीय वर्ष का अंतिम माह होने के कारण सरकार ने जलदाय विभाग पर बकाया राशि वसूलने का दबाव बना दिया है। आनन-फानन में उपभोक्ताओं को एक साथ 10 से 20 हजार रुपए के पानी के बिल थमा दिए गए। इससे उपभोक्ताओं का वित्तीय बजट गड़बड़ा गया है। जलदाय विभाग ने लंबे समय से माफी योजना शुरू नहीं की है।
विभाग की राय- उपभोक्ताओं की गलत आदतें
जलदाय विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि हर बार माफी योजना से उपभोक्ताओं की गलत आदतें सामने आ रही हैं। इससे समय पर बिल राशि का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं के साथ धोखा हो रहा है, जो उपभोक्ता समय पर बिल का भुगतान करता है, उसे कोई छूट नहीं मिलती। जबकि कई उपभोक्ता दो से पांच साल तक बिल राशि का भुगतान नहीं करते। वे ब्याज व पैनल्टी में छूट का इंतजार करते हैं। अब इसमें बदलाव के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।