हरियाणा में वक्फ बोर्ड के कब्जे वाले गांवों की अवाप्त भूमि का निरीक्षण किया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में यह घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के किसी भी गांव में वक्फ बोर्ड के नाम पर दर्ज किसी भी गैरमजरूआ जमीन की जांच की जाएगी।
सैनी ने यह घोषणा रोहतक-गोहाना रोड पर स्थित पीर बोधि भूमि को लेकर चिंता जताए जाने के बाद की। सैनी ने सदन में कहा, "हम पूरे हरियाणा में इसकी जांच कराएंगे... अगर कहीं भी किसी गांव की शामलात देह भूमि (सामान्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गांव की जमीन) वक्फ बोर्ड को हस्तांतरित की गई है, तो इसकी पूरी जांच होगी।"
सीएम सैनी ने विधानसभा में क्या कहा?
पीर बोधि मामले का जिक्र करते हुए सैनी ने कहा कि पीर बोधि मामले की जांच के लिए रोहतक मंडल आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जाएगी। करनाल मंडल आयुक्त तथा रोहतक उपायुक्त इस समिति के सदस्य होंगे। समिति मामले से संबंधित सभी तथ्यों और रिकार्डों की जांच करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा द्वारा उठाए गए पीर बोधि मुद्दे को गंभीरता से लिया है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि 1967-68 में यह जमीन शामलात देह के स्वामित्व में थी। 1990 में केंद्र सरकार ने इस भूमि को पंजाब वक्फ बोर्ड के नाम अधिसूचित कर दिया। इसके बाद यह जमीन कब्रिस्तान के रूप में दर्ज हो गई और अब यह वक्फ बोर्ड के नाम है।