राजस्थान के प्रसिद्ध श्री सांवरिया सेठ मंदिर में हर श्रद्धालु की गहरी आस्था है। लोग यहां अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और जब उनकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं तो वे दान करते हैं। लेकिन जब डेढ़ महीने बाद दान पेटी खोली गई तो सबकी निगाहें दान पेटियों की गिनती पर टिकी थीं। क्या इस बार भी बनेगा कोई बड़ा रिकॉर्ड? क्या करोड़ों का खजाना वापस मिलेगा? इन सवालों के जवाब जानने के लिए मंदिर प्रशासन ने 14 मार्च को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दान पेटी खोली।
नोटों की गिनती के दौरान करोड़ों रुपए का प्रसाद मिला
भगवान श्री सांवरिया सेठ की दान पेटी में भक्तों की भक्ति का अमूल्य खजाना छिपा हुआ था। जैसे ही गिनती शुरू हुई, नोटों का ढेर लगना शुरू हो गया। पहले चरण की गिनती पूरी होने तक 7 करोड़ 55 लाख रुपये की नकदी की गिनती हो चुकी थी। लेकिन यह तो बस शुरुआत थी, असली झटका तो अभी बाकी था।
अब सोना, चांदी और विदेशी मुद्रा की होगी घोषणा
दान पेटी से न केवल नकदी निकलती है, बल्कि हर बार सोना, चांदी और विदेशी मुद्रा का चढ़ावा भी देखने को मिलता है। मंदिर प्रशासन के अनुसार, मतगणना का दूसरा चरण 17 मार्च को होगा, जिसमें इस बहुमूल्य चढ़ावे की गिनती की जाएगी। यह प्रक्रिया सीसीटीवी और मैनुअल कैमरों की कड़ी निगरानी में पूरी की जा रही है ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
आखिर भक्तों में इतनी आस्था क्यों होती है?
प्रतिदिन लाखों भक्त श्री सांवरिया सेठ के दर्शन के लिए आते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भी यहां सच्चे मन से मनोकामना मांगता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। जब भक्तों की इच्छा पूरी हो जाती है तो वे कृतज्ञता स्वरूप दान देते हैं। इस कारण, हर साल चढ़ावे की संख्या बढ़ती जा रही है।
खजाना वर्ष में 11 बार खुलता है।
मंदिर का खजाना साल में 11 बार खोला जाता है, लेकिन होली और दिवाली पर यह लंबे अंतराल के बाद खोला जाता है। इस बार डेढ़ महीने बाद खुले दानपात्र ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आस्था और भक्ति की शक्ति से बड़ा कोई धन नहीं है।
अब सबकी निगाहें 17 मार्च पर टिकी हैं, जब सोने, चांदी और विदेशी मुद्रा का राज खुलेगा। क्या इस बार कोई नया रिकॉर्ड बनेगा?