बांग्लादेश में चुनाव को लेकर उलझे राजनीतिक दल, चुनाव आयोग ने सुधार प्रस्तावों का विरोध किया
Navjivan Hindi March 19, 2025 02:42 AM

बांग्लादेश चुनाव आयोग (ईसी) ने चेतावनी दी है कि राष्ट्रीय चुनाव से पहले स्थानीय सरकार के चुनाव कराने से संसदीय चुनाव में देरी होगी। आयोग ने राष्ट्रीय और सभी स्थानीय सरकारों के चुनाव चार महीने की समय-सीमा के भीतर पूरे करने के प्रस्ताव का विरोध किया। 

आयोग ने तर्क दिया कि सिर्फ स्थानीय चुनाव पूरे होने में ही लगभग एक साल का समय लग जाता है क्योंकि ये चुनाव चरणों में होते हैं।

चुनाव आयोग ने सोमवार को बांग्लादेश के राष्ट्रीय सहमति आयोग को अपनी राय भेजी, जिसमें चुनाव से संबंधित कई सुधार प्रस्तावों का विरोध किया गया।

बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट यूएनबी ने चुनाव आयोग के वरिष्ठ सचिव अख्तर अहमद के हवाले से कहा, "अली रियाज (राष्ट्रीय सहमति आयोग के उपाध्यक्ष) को संबोधित करते हुए, हमने कुछ प्रस्तावों पर अलग-अलग विचार व्यक्त करते हुए अपनी राय भेजी है।"

 देश के प्रमुख समाचार पत्र 'डेली स्टार' ने बताया कि चुनाव आयोग ने कई सुधार प्रस्तावों पर आपत्ति जताई है, इनमें निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन, चुनाव आयुक्तों के खिलाफ जांच, स्थानीय सरकार और राष्ट्रीय चुनाव का समय जैसे प्रस्ताव शामिल हैं।

अखबार के मुताबिक ईसी ने प्रस्तावित चुनाव आयोग अध्यादेश 2025 का विरोध किया है। चुनाव आयोग ने कहा कि यह आयुक्तों की स्वतंत्रता को खत्म कर देगा और उन्हें राजनीतिक दबाव के सामने ला खड़ा करेगा।

 इस महीने की शुरुआत में भी चुनाव आयोग ने कहा था कि राष्ट्रीय चुनाव से पहले स्थानीय चुनाव कराना संभव नहीं होगा। दरअसल बांग्लादेश में प्रमुख राजनीतिक दल इस बात पर उलझे हुए हैं कि पहले कौन सा चुनाव कराया जाए।

 बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने भी दिसंबर में राष्ट्रीय संसदीय चुनाव होने की संभावना पर संदेह जताया। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि चुनाव में देरी के लिए कथित तौर पर मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के भीतर से एक 'साजिश' चल रही है।

 बांग्लादेश में विभिन्न राजनीतिक संगठनों की बहुप्रचारित एकता, जो अगस्त 2024 में शेख हसीना के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई अवामी लीग सरकार को हटाने के दौरान पूरी तरह व्यक्त हुई अब धीरे-धीरे फीकी पड़ती दिख रही है। कई राजनीतिक नेता जो पहले यूनुस का समर्थन करते थे, अब खुलकर उनकी आलोचना कर रहे हैं, खासकर राष्ट्रीय चुनाव कराने में हुई लंबी देरी को लेकर।

आईएएनएस

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