समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर से जेडीयू के पूर्व विधायक राम बालक सिंह ने हाल ही में अपनी दूसरी शादी की है, जो कि 62 वर्ष की आयु में एक 31 वर्षीय महिला रवीना से हुई। यह शादी उनकी पहली पत्नी की मृत्यु के तीन साल बाद और बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हुई है, जिससे राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं।
कई लोगों का मानना है कि यह विवाह एक रणनीतिक कदम है। ऐसी चर्चा है कि सिंह अपनी नई पत्नी को 2025 के विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार के रूप में पेश करने की योजना बना रहे हैं। उनके पिछले आपराधिक मामलों के कारण उनके राजनीतिक करियर में चुनौतियाँ आ रही हैं, जिससे पार्टी टिकट पाने की संभावनाएँ प्रभावित हो सकती हैं।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि रवीना से शादी करना उनके लिए टिकट पाने का एक तरीका हो सकता है, खासकर जब पिछले आरोपों के कारण उन्हें टिकट खोने का खतरा है। इसने राजनीतिक चर्चाओं को और बढ़ावा दिया है।
सोमवार की रात बेगूसराय के गढ़पुरा में एक मंदिर में विवाह समारोह सम्पन्न हुआ। मंगलवार की सुबह, दूल्हा-दुल्हन विभूतिपुर में अपने पैतृक घर लौट आए। इस शादी ने न केवल व्यक्तिगत महत्व रखा है, बल्कि स्थानीय राजनीति पर इसके संभावित प्रभाव के लिए भी ध्यान आकर्षित किया है।
राम बालक सिंह का राजनीतिक करियर कई वर्षों से सक्रिय है, और उन पर गंभीर अपराधों के आरोप भी लगे हैं। उनकी पहली पत्नी आशा रानी तीन साल पहले तक गांव की प्रधान थीं और उनके तीन बेटियाँ हैं, जिनमें से दो की शादी हो चुकी है।
सिंह पहले जेडीयू के किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं, लेकिन वर्तमान में पार्टी में कोई आधिकारिक पद नहीं रखते। उनकी पिछली भूमिकाएँ और वर्तमान स्थिति उनके भविष्य के कदमों और आगामी चुनावों पर अटकलें पैदा कर रही हैं।
इस विवाह का न केवल व्यक्तिगत बल्कि राजनीतिक प्रभाव भी हो सकता है। इस घटनाक्रम के परिणामों को लेकर पर्यवेक्षक उत्सुकता से देख रहे हैं कि यह उनके राजनीतिक भविष्य और जेडीयू पार्टी के भीतर की गतिशीलता को कैसे प्रभावित करेगा।