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क्या मूल वेतन या पेंशन को महंगाई भत्ते (डीए) में मिलाया जाएगा? केंद्र सरकार ने मंगलवार को इस विलय को लेकर केंद्र सरकार के कर्मचारियों की चल रही मांग पर प्रतिक्रिया दी।
सरकार ने क्या कहा?
राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में डीए को मूल वेतन में मिलाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (एनसी-जेसीएम) सहित कर्मचारी संघों ने सरकार के समक्ष यह मांग रखी है कि डीए, जो अब 50% से अधिक हो गया है, को मूल वेतन में एकीकृत किया जाना चाहिए।
हालांकि, सरकार इस तरह के विलय के खिलाफ छठे वेतन आयोग की सिफारिश का हवाला देते हुए अपने रुख पर अड़ी हुई है।
चौधरी ने कहा कि डीए और महंगाई राहत (डीआर) मुद्रास्फीति का मुकाबला करने और केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतन और पेंशन के वास्तविक मूल्य की रक्षा करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। जीवन यापन की लागत के अनुरूप दरों को हर छह महीने में संशोधित किया जाता है।
यह ध्यान देने वाली बात है कि 2016 में 7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद से 15 डीए/डीआर किस्तें वितरित की जा चुकी हैं।
केंद्रीय वेतन आयोग के गठन पर वित्त मंत्री
संबंधित समाचार में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) के गठन का निर्णय लिया है, जिससे 36 लाख से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और रक्षा कर्मियों को लाभ होगा।
हालांकि आयोग के गठन की पुष्टि हो गई है, लेकिन इसकी सिफारिशें प्रस्तुत करने की समयसीमा अभी भी अनिश्चित है और इसे बाद में निर्धारित किया जाएगा। यह विकास भविष्य में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की वित्तीय चिंताओं को दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।