चर्चित लैंड फॉर जॉब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव से पूछताछ की और कई अहम सवालों की बौछार कर दी। ईडी सूत्रों के मुताबिक, लालू यादव से जमीन और नौकरियों के लेन-देन से जुड़े मामलों में विस्तार से पूछताछ की गई।
ईडी ने लालू यादव से पूछा कि आखिर जमीन के ये सौदे सिर्फ उनके परिवार के साथ ही क्यों हुए और इन सौदों के तुरंत बाद संबंधित व्यक्तियों को रेलवे में नौकरी कैसे मिली?
किशुन देव राय की जमीन सिर्फ 3.75 लाख में क्यों खरीदी गई?ईडी ने लालू यादव से पूछा:
“किशुन देव राय ने अपनी 3,000 वर्ग फीट जमीन मात्र 3.75 लाख रुपये में आपकी पत्नी राबड़ी देवी को ही क्यों बेची?”
इसके अलावा, ईडी ने यह भी जानना चाहा:
“राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार से आपकी पहली मुलाकात कब हुई थी?”
ईडी के अधिकारियों ने पूछा:
“क्यों राबड़ी देवी के नाम जमीन ट्रांसफर होने के तुरंत बाद ही तीनों (राज कुमार, मिथिलेश, अजय) को मध्य रेलवे मुंबई में ग्रुप D की नौकरी मिल गई?”
महुआबाग निवासी संजय राय ने भी अपनी 3,375 वर्ग फीट जमीन सिर्फ 3.75 लाख रुपये में राबड़ी देवी को बेची। ईडी ने पूछा, “क्या यह संयोग था या कोई सोची-समझी योजना?”
मीसा भारती को जमीन क्यों बेची गई?ईडी ने लालू यादव से यह भी पूछा:
“राबड़ी देवी के नाम जमीन रजिस्ट्री होने के बाद संजय राय और उनके परिवार के दो सदस्यों को रेलवे की नौकरी मिली, ऐसा क्यों?”
ईडी ने सवाल किया कि किरण देवी ने अपनी 80,905 वर्ग फीट जमीन सिर्फ 3.70 लाख रुपये में आपकी बेटी मीसा भारती को ही क्यों बेची?
➡ इतना ही नहीं, जमीन रजिस्ट्री होने के तुरंत बाद ही किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को सेंट्रल रेलवे, मुंबई में नौकरी कैसे मिली?
1,360 वर्ग फीट जमीन सिर्फ 13 लाख में क्यों दी गई?ईडी ने पूछा:
“हजारी राय के भतीजों – दिलचंद कुमार और प्रेम चंद कुमार – को वेस्ट सेंट्रल रेलवे जबलपुर और साउथ ईस्टर्न रेलवे कोलकाता में नौकरी कैसे मिली?”
लाल बाबू राय के बेटे लाल चंद कुमार को 2006 में नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे, जयपुर में नौकरी मिली।
इसके बाद, 2015 में लाल बाबू राय ने 1,360 वर्ग फीट जमीन मात्र 13 लाख रुपये में राबड़ी देवी को दे दी।
“क्या यह सिर्फ एक संयोग था या किसी समझौते का हिस्सा?”
ईडी ने लालू यादव से यह भी पूछा:
“आप हृदयानंद चौधरी को कब से जानते हैं?”
बृजनंदन राय ने अपनी 3,375 वर्ग फीट जमीन हृदयानंद चौधरी को क्यों दी?
हृदयानंद चौधरी ने रेलवे में नौकरी मिलने के बाद गिफ्ट डीड के जरिए वह जमीन आपकी बेटी हेमा यादव को क्यों ट्रांसफर की?
ईडी इस केस में यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या जमीन के बदले में नौकरियां देने का कोई ठोस पैटर्न था?
क्या यह महज एक इत्तेफाक था कि लालू परिवार को बेची गई हर जमीन के बाद संबंधित विक्रेता या उनके परिवार के सदस्य को रेलवे में नौकरी मिली?