भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए 54,000 करोड़ रुपये से अधिक की सैन्य खरीद को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के तहत हवाई हमला चेतावनी और नियंत्रण विमान प्रणाली (AEW&C), टॉरपीडो और टी-90 टैंकों के लिए इंजन की खरीद शामिल है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई रक्षा खरीद परिषद (DAC) की बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गई। यह निर्णय 2025 को रक्षा सुधार वर्ष के रूप में मनाने की पहल के तहत लिया गया है, जिससे खरीद प्रक्रिया को अधिक तेज, प्रभावी और कुशल बनाया जा सके।
इससे पहले, सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) ने 7,000 करोड़ रुपये की लागत से 307 स्वदेशी तोपों और टोइंग वाहनों की खरीद को भी स्वीकृति दी थी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि DAC द्वारा दी गई प्रारंभिक मंजूरी (AON) सैन्य उपकरण खरीद की दिशा में पहला कदम है।
वायुसेना की क्षमता में होगा इजाफा
भारतीय वायुसेना के लिए AEW&C सिस्टम का अधिग्रहण बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सिस्टम वायुसेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने में सहायक होगा। 2017 में वायुसेना ने ब्राजील के एम्ब्रेयर-145 जेट पर स्वदेशी AEW&C प्रणाली को शामिल किया था, जिससे दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और ड्रोन का पता लगाने की क्षमता में वृद्धि हुई थी।
भविष्य की योजना
भारतीय वायुसेना आने वाले समय में छह नए ‘नेत्र एमके-1ए’ AEW&C सिस्टम को अपने बेड़े में शामिल करने की योजना बना रही है। साथ ही, DRDO द्वारा विकसित छह और AEW&C सिस्टम को एयरबस A321 विमान पर लगाए जाने की योजना है।
इस सैन्य खरीद से भारत की रक्षा शक्ति में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और देश की सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा।