कुलपति का नाम अब होगा कुलगुरु, राजस्थान विधानसभा में 'विश्वविद्यालयों की विधियां संशोधन विधेयक' को मिली मंजूरी
Lifeberrys Hindi March 21, 2025 03:42 PM

राजस्थान विधानसभा में विश्वविद्यालयों की विधियां (संशोधन) विधेयक पर व्यापक चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया है। इस विधेयक के तहत प्रदेश के 32 सरकारी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों में कुलपति का पदनाम बदलकर ‘कुलगुरु’ और प्रतिकुलपति का नाम ‘प्रतिकुलगुरु’ कर दिया गया है। हालांकि, यह परिवर्तन केवल हिंदी भाषा में लागू होगा, जबकि अंग्रेजी में पदनाम पूर्ववत ही रहेगा, यानी ‘कुलगुरु’ को अंग्रेजी में ‘Vice Chancellor’ ही कहा जाएगा।

राजस्थान में कुलपतियों की स्थिति पर विपक्ष के सवाल

विधानसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों में बाहरी कुलपतियों की अधिकता को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि राजस्थान की 32 विश्वविद्यालयों में से केवल चार विश्वविद्यालयों में ही राज्य के कुलपति नियुक्त हैं, जबकि सबसे अधिक कुलपति उत्तर प्रदेश से आए हुए हैं।

उन्होंने एक मेडिकल विश्वविद्यालय का उदाहरण देते हुए कहा कि महाराष्ट्र से एक गैर-चिकित्सक को कुलपति नियुक्त कर दिया गया है, जो इस पद के लिए उपयुक्त नहीं हैं। इसके अलावा, उन्होंने प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की वेतन संबंधी समस्याओं और 4,000 से अधिक रिक्त पदों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।

इस विधेयक के पारित होने के बाद विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक बदलाव देखने को मिल सकते हैं, लेकिन विपक्ष ने इसे केवल सतही सुधार करार दिया है और राज्य में उच्च शिक्षा की व्यापक समस्याओं को प्राथमिकता देने की मांग की है।

कुलाधिपति का नाम क्या होगा? - टीकाराम जूली का सवाल

विधानसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कुलपति शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि यह संस्कृत साहित्य से लिया गया शब्द है, जिसका उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, "आज कुलपति शब्द अनुचित लग रहा है, आखिर इसका कारण क्या है?"

उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो पार्टी सनातन धर्म की बात करती है, वही अब नाम परिवर्तन कर रही है, जो पाखंड से अधिक कुछ नहीं। कांग्रेस ने ही संस्कृत निदेशालय की नींव रखी थी, ऐसे में सरकार ने कुलपति का नाम तो बदल दिया, लेकिन अब कुलाधिपति का क्या होगा?

सरकार की नीतियों पर कटाक्ष


टीकाराम जूली ने सरकार की नीतियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सिर्फ नाम बदलने से कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार वास्तव में उच्च शिक्षा में सुधार चाहती है, तो विश्वविद्यालयों में वैदिक संस्कृति और सनातन धर्म के संस्कारों को भी शामिल करना चाहिए। नाम परिवर्तन मात्र एक दिखावा है, जिससे जमीनी स्तर पर कोई बड़ा सुधार नहीं होगा।

"बड़ी अटैची देने वाला बनता है कुलपति" - रविंद्र भाटी का आरोप

विधानसभा में विश्वविद्यालयों की नियुक्तियों को लेकर विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कुलपति पद की नियुक्तियां पैसों के आधार पर हो रही हैं और जो "बड़ी अटैची" देता है, उसे ही कुलपति बना दिया जाता है। उन्होंने इस प्रक्रिया को भ्रष्टाचार से ग्रस्त बताते हुए कहा कि इसका सीधा नुकसान नई पीढ़ी और उच्च शिक्षा प्रणाली को हो रहा है।

विपक्ष के आरोपों पर सरकार की सफाई


विपक्ष के इन आरोपों का जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि विपक्ष सिर्फ राजनीति करने के लिए मुद्दे तलाश रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में सर्वांगीण विकास करना और बिगड़े हुए शैक्षिक ढांचे में सुधार लाना है। विपक्ष के लगाए गए आरोपों को उन्होंने बेबुनियाद करार दिया और कहा कि सरकार पूरी पारदर्शिता और योग्यता के आधार पर नियुक्तियां कर रही है।

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