डायबिटीज के प्रबंधन में केसर का योगदान: नई शोध से मिली जानकारी
Gyanhigyan March 28, 2025 05:42 AM
डायबिटीज: एक बढ़ती हुई समस्या

नई दिल्ली: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो हर साल लाखों लोगों को प्रभावित कर रही है। इसके कई कारण हैं, और जब किसी व्यक्ति को डायबिटीज होती है, तो यह आवश्यक हो जाता है कि उनके रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित किया जाए। विश्वभर में अधिकांश लोग टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त हैं, जबकि टाइप 1 डायबिटीज का शिकार होने वाले लोग कम होते हैं। टाइप 2 डायबिटीज तब होती है जब अग्न्याशय (पैनक्रियाज) पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता। इसके विपरीत, टाइप 1 डायबिटीज में अग्न्याशय इंसुलिन का उत्पादन बिल्कुल नहीं करता।


मोटापा और डायबिटीज का संबंध

विशेषज्ञों का मानना है कि मोटापा डायबिटीज का एक प्रमुख कारण है। मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों में डायबिटीज का खतरा अन्य लोगों की तुलना में अधिक होता है। बाजार में कई दवाएं उपलब्ध हैं जो रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। इसके अलावा, एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर भी डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है।


केसर का प्रभाव: एक नई अध्ययन

जर्नल ऑफ रिसर्च इन मेडिकल साइंसेज में प्रकाशित एक अध्ययन में यह पाया गया है कि रोजाना केसर का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों के रक्त शर्करा स्तर को कम किया जा सकता है। इस अध्ययन में 54 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था, जिन्हें दो समूहों में बांटा गया। एक समूह को 8 हफ्तों तक सप्ताह में दो बार केसर के अर्क की कैप्सूल दी गई।


8 हफ्तों के बाद, जिन लोगों को केसर की कैप्सूल दी गई थी, उनके रक्त शर्करा स्तर में कमी देखी गई। शोधकर्ताओं ने बताया कि केसर का सेवन रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जिससे डायबिटीज में सुधार संभव है।


डायबिटीज की बढ़ती समस्या

हालांकि, केसर के सेवन से डायबिटीज के रोगियों का रक्त शर्करा स्तर कम करने के पुख्ता प्रमाण अभी तक नहीं मिले हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि डायबिटीज की समस्या अब विश्वभर में आम हो चुकी है। आमतौर पर 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोग इस समस्या का सामना करते हैं, लेकिन खराब जीवनशैली के कारण अब युवा भी इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं।


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