गोपालगंज। बिहार के गोपालगंज जिले में एक पुजारी की हत्या के मामले में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। मांझागढ़ थाना क्षेत्र के शिव मंदिर के पुजारी और केयरटेकर मनोज साह की हत्या की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रहा है। इस वीभत्स हत्या में हत्यारों ने पुजारी के प्राइवेट पार्ट को काट दिया, जीभ निकाल दी और चेहरे को तेजाब से जलाने का प्रयास किया। पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच मंदिर से जुड़े जमीन विवाद के पहलू से भी की जा रही है।
गोपालगंज के एसपी हृदयाकांत ने रविवार को घटनास्थल का दौरा किया और मामले की जांच की। उन्होंने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी और सभी बिखरे हुए कड़ियों को जोड़ा जा रहा है। एसपी ने बताया कि मनोज साह मंदिर के पुजारी नहीं थे, बल्कि वे केयरटेकर के रूप में वहां रह रहे थे। उनके परिजनों का कहना है कि उनके पिता की आंख का ऑपरेशन होने के बाद मनोज ने पुजारी का कार्य संभाला था।
मनोज साह की हत्या के बाद स्थानीय लोगों ने एनएच 27 पर प्रदर्शन किया और शव को रखकर करीब 6 घंटे तक हंगामा किया। इस दौरान पुलिस की गाड़ी पर पथराव किया गया, जिसमें सदर एसडीपीओ के बॉडीगार्ड घायल हो गए। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए फायरिंग की, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की गई है। ग्रामीण हत्यारों की गिरफ्तारी और मौके पर डीएम व एसपी को बुलाने की मांग कर रहे थे।
मृतक मनोज साह भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष अशोक साह के भाई थे। बताया जा रहा है कि मंदिर की जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। शिव मंदिर के पास एक पार्वती मंदिर का निर्माण भी प्रस्तावित था। मनोज साह के पिता बैजनाथ साह ने मंदिर के निर्माण के बाद से पुजारी का कार्य किया था, लेकिन उनकी अस्वस्थता के कारण मनोज ने यह जिम्मेदारी संभाली थी।
पुलिस मनोज साह की हत्या के मामले में कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। उनके मोबाइल कॉल डिटेल्स की जांच की जा रही है, जिसमें पता चला है कि गायब होने के एक दिन पहले मनोज की किसी से 16 मिनट तक बातचीत हुई थी।
मनोज साह की हत्या के बाद बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष हरि सहनी ने मृतक के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि बिहार में जंगलराज की वापसी हो गई है। पुजारी की हत्या कर दहशत फैलाने के उद्देश्य से शव को फेंका गया। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले को सदन में उठाकर परिवार को न्याय दिलाने का प्रयास किया जाएगा।