-अंतिम फैसले के लिए मुख्यालय भेजी
जाएगी रिपोर्ट
सोनीपत, 20 मार्च . खरखौदा शहर के सैनी गढ़ी मोहल्ला कॉलोनी में गुरुवार को प्रशासन ने पैमाइश का काम
शुरू किया. मोहल्लेवासियों की शिकायत के बाद यह कदम उठाया गया, ताकि यह स्पष्ट हो सके
कि खेवट नंबर 137 में बसे मकान किन-किन किला नंबरों में आते हैं और वहां का वास्तविक
कब्जाधारी कौन है. साथ ही, जोहड़ की जमीन, गलियों, कुओं और अन्य भूमि की स्थिति का
भी आकलन किया जाएगा. यह पैमाइश एसडीएम डॉ. निर्मल नागर के निर्देश पर की जा रही है.
पैमाइश
के दौरान तहसील कार्यालय के कानूनगो गिरदावर नरेंद्र, लोक निर्माण विभाग के नरेश कुमार,
नगरपालिका पटवारी फूल कंवर सहित कई प्रशासनिक अधिकारी व ग्रामीण मौजूद रहे. सावित्रीबाई
फुले सेवा समिति के प्रधान मदन कुमार, रतिराम, औमप्रकाश, संदीप, जोगेंद्र, धर्मबीर,
सतबीर, रोहतास, महेंद्र और दयानंद भी इस प्रक्रिया में शामिल हुए.
सैनी
गढ़ी मोहल्ले का मुद्दा विधानसभा में भी उठ चुका है. इस कॉलोनी के निवासियों को मालिकाना
हक देने की योजना पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी काम कर चुके हैं. वर्तमान
में इस कॉलोनी में करीब 150 मकान हैं, जो 150 वर्षों से बने हुए हैं. मटिंडू
बाईपास से लोकेशन तय करने के लिए एक डिजिटल मशीन सावित्रीबाई फुले पार्क में लगाई गई,
जिससे कोडिंग कर मकानों की पैमाइश की जा रही है. मकानों की संख्या अधिक होने के कारण
यह प्रक्रिया कई दिनों तक चलेगी, जिसके बाद विशेष नक्शा और रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय
भेजी जाएगी.
खरखौदा
एसडीएम डॉ. निर्मल नागरने बताया कि खरखौदा में 20 वर्षों से अधिक पुराने कब्जों को
नियमित करने के लिए एक विशेष योजना चलाई गई है. 100 वर्षों से अधिक पुराने सैनी गढ़ी
मोहल्ले की पैमाइश इसी योजना के तहत हो रही है. हालांकि, जिन लोगों ने हाल ही में अवैध
कब्जे किए हैं, उन्हें कोर्ट के आदेशानुसार हटाया जाएगा.
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शर्मा परवाना