
आईटीसी होटल्स (ITC Hotels) के शेयर ने शुक्रवार 21 मार्च को अपना अब तक का सबसे ऊंचा स्तर छू लिया. NSE पर इसका इंट्राडे हाई 204.51 रुपये रहा. गौरतलब है कि 29 जनवरी 2025 को BSE पर यह शेयर 188 रुपये प्रति शेयर के मूल्य पर लिस्ट हुआ था, जबकि NSE पर इसकी लिस्टिंग 180 रुपये प्रति शेयर पर हुई थी.इस जबरदस्त बढ़त के चलते आईटीसी होटल्स का मार्केट कैप 21 मार्च को 39,896.05 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. आईटीसी होटल्स के शेयरों में शानदार तेजी21 मार्च को आईटीसी होटल्स का शेयर 194 रुपये पर बंद हुआ है. लिस्टिंग के बाद से अब तक यह स्टॉक 18% चढ़ चुका है, जबकि पिछले एक हफ्ते में इसमें 15% की तेजी देखने को मिली है. ब्रोकरेज फर्म की ‘BUY’ रेटिंगब्रोकरेज फर्म Ambit Capital ने हाल ही में आईटीसी होटल्स पर एक रिपोर्ट जारी की और इसे BUY रेटिंग दी है.Ambit Capital ने कहा कि ITC Hotels भारत की दूसरी सबसे बड़ी हॉस्पिटैलिटी चेन है. कंपनी के पास 80% लग्जरी होटलों का स्वामित्व और 70% होटल टियर-1 शहरों में स्थित हैं. यह तेजी भारतीय हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की बढ़ती मांग को दर्शाती है.रिपोर्ट के अनुसार, आईटीसी होटल्स का एसेट-लाइट मॉडल, बेहतर ऑपरेशनल एफिशिएंसी और सकारात्मक मैक्रो-फैक्टर्स कंपनी के मुनाफे को आगे बढ़ाएंगे. फर्म ने अनुमान लगाया है कि FY24-28 के बीच कंपनी की EBITDAM (अर्निंग्स बिफोर इंटरेस्ट, टैक्स, डेप्रिसिएशन और अमोर्टाइजेशन मार्जिन) 38% तक पहुंच सकती है.ITC Ratnadipa, जो कि $500 मिलियन के निवेश से तैयार किया गया है, इस ग्रोथ में अहम भूमिका निभाएगा और FY28 के कुल राजस्व का 5% योगदान देगा. ITC Hotels का लक्ष्य और आगे की रणनीतिAmbit Capital ने अगले एक साल के लिए आईटीसी होटल्स का टारगेट प्राइस 230 रुपये रखा है.इसके अलावा, ITC Hotels का फूड और बेवरेज बिजनेस भी इसकी मजबूती की एक बड़ी वजह है. कंपनी के पास Bukhara, Dum Pukht जैसे 12 प्रमुख ब्रांड हैं, जो इसे अन्य होटल चेन से अलग बनाते हैं और इसके राजस्व को स्थिर बनाए रखते हैं. आईटीसी होटल्स का डिमर्जर1 जनवरी 2025 से आईटीसी होटल्स के डिमर्जर को प्रभावी कर दिया गया था और 6 जनवरी को इसे रिकॉर्ड डेट के रूप में तय किया गया. इस डिमर्जर के बाद आईटीसी होटल्स को स्वतंत्र रूप से स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध किया गया, जिसकी लिस्टिंग 29 जनवरी 2025 को हुई.कंपनी की मजबूत उपस्थिति 90 से अधिक शहरों में फैली हुई है, जहां 140 से ज्यादा होटल विभिन्न ब्रांड्स के तहत संचालित किए जा रहे हैं.(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं)