छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 2025 अब औपचारिक रूप से संपन्न हो चुका है। राजधानी रायपुर में आयोजित इस सत्र को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने ऐतिहासिक और सौहार्दपूर्ण बताया। उन्होंने जानकारी दी कि इस बजट सत्र के दौरान कुल 17 बैठकें हुईं, जिनमें 111 घंटे तक गहन चर्चा हुई।
सत्र के दौरान सदस्यों ने अपनी पूरी सक्रियता दिखाई—2,504 प्रश्न (तारांकित और अतारांकित) सदन में रखे गए और 562 ध्यानाकर्षण सूचनाएं प्राप्त हुईं। ये आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी रही और राज्य की नीतियों व योजनाओं पर गंभीर मंथन हुआ।
अंतिम बार पुराने विधानसभा भवन में बैठा सदनयह बजट सत्र इस मायने में भी खास रहा क्योंकि यह वर्तमान विधानसभा भवन का अंतिम सत्र था। आगामी मानसून सत्र, जो जुलाई 2025 में प्रस्तावित है, उसे नए विधानसभा भवन में आयोजित किया जाएगा। इस नई शुरुआत को लेकर विधायकों और प्रशासनिक अधिकारियों में भी उत्साह है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बयान: “सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक रहा सत्र”बजट सत्र के समापन पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में कहा कि यह सत्र बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। उन्होंने सभी विधायकों, विशेषकर विपक्ष के सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि,
“सरकार सुशासन की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है और विपक्ष से मिले कुछ सुझाव वाकई में रचनात्मक और जनहित में उपयोगी साबित होंगे।”
मुख्यमंत्री ने इस बात को भी स्वीकार किया कि स्वस्थ लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत यही है कि सभी पक्ष अपनी-अपनी भूमिका का निर्वहन करें और जनहित के मुद्दों पर एकजुट होकर बात करें।
अनुदान मांगों पर विस्तृत चर्चा, ₹19,630 करोड़ से ज्यादा राशि स्वीकृतइस सत्र के दौरान विधानसभा में विभिन्न विभागों से संबंधित अनुदान मांगों पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया। इसके बाद सदन ने सर्वसम्मति से ₹19,630 करोड़ से अधिक की अनुदान मांगों को पारित कर दिया।
इस निर्णय से कई विकास योजनाओं को बल मिलेगा:
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार इन संसाधनों का सदुपयोग कर छत्तीसगढ़ को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।