थायराइड की समस्या: लक्षण, कारण और घरेलू उपचार
Gyanhigyan March 24, 2025 02:42 AM
थायराइड की समस्या का परिचय

आज के समय में थायराइड एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। यह ग्रंथि गर्दन के सामने और स्वर तंत्र के दोनों ओर स्थित होती है और इसका आकार तितली जैसा होता है।


थायराइड ग्रंथि से थायरोक्सिन हार्मोन का स्राव होता है। जब इस हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है, तो शरीर में कई प्रकार की बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।


यदि थायरोक्सिन हार्मोन की मात्रा कम हो जाती है, तो मेटाबोलिज्म तेज हो जाता है, जिससे शरीर की ऊर्जा जल्दी समाप्त हो जाती है। इसके विपरीत, जब इसकी मात्रा बढ़ जाती है, तो मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे व्यक्ति सुस्त महसूस करता है।


यह समस्या किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है। बच्चों में थायराइड की समस्या से लंबाई में कमी आ सकती है, जबकि महिलाओं पर इसका प्रभाव अधिक स्पष्ट होता है।


थायराइड की समस्या से बचने के लिए आपको हमारे बताए गए उपायों को अपनाना चाहिए।


थायराइड के प्रकार और लक्षण

थायराइड से जुड़ी समस्याओं में मुख्यतः पांच प्रकार के विकार होते हैं: हाइपोथायराइडिज्म, हाइपरथायराइडिज्म, आयोडीन की कमी से होने वाले विकार जैसे गॉयटर, हाशिमोटो थायराइडिटिस और थायराइड कैंसर।


थायराइड ग्रंथि से दो प्रमुख हार्मोन बनते हैं: टी3 और टी4, जो शरीर के तापमान, मेटाबोलिज्म और हृदय गति को नियंत्रित करते हैं।


हाइपोथायराइडिज्म में थायराइड हार्मोन का स्राव कम होता है, जबकि हाइपरथायराइडिज्म में इसकी मात्रा अधिक होती है।


थायराइड के लक्षणों में प्रतिरोधक क्षमता में कमी, थकावट, बालों का झड़ना, कब्ज, त्वचा का रूखापन, और वजन में अचानक बदलाव शामिल हैं।


थायराइड के कारण

थायराइड की समस्या के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें तनाव, धूम्रपान, सोया का सेवन, डॉक्टर की सलाह की अनदेखी, और कार्बोहाइड्रेट्स का कम सेवन शामिल हैं।


ग्लूटेन युक्त आहारों का अधिक सेवन भी हाशिमोटो रोग का कारण बन सकता है।


शुगर का नियंत्रण न रखना और फालतू दवाओं का सेवन भी थायराइड की समस्या को बढ़ा सकता है।


थायराइड के घरेलू उपचार

निर्गुण्डी के पत्तों का रस 14 से 28 मिलीलीटर दिन में तीन बार लेना या 21 पत्तों का रस निकालकर तीन भागों में बांटकर लेना थायराइड के लिए लाभकारी हो सकता है।


रात को सोने से पहले लाल प्याज को गर्दन पर रगड़ने से भी राहत मिलती है।


हाइपोथायराइडिज्म में आयोडीन युक्त आहार जैसे सी फूड, मछली, अंडे, और टमाटर का सेवन फायदेमंद होता है।


हाइपरथायराइडिज्म में हरी सब्जियाँ, साबुत अनाज, और ओलिव ऑयल का सेवन करना चाहिए।


© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.