मैक्लोडगंज: जहां घूमने के साथ ही खाइये तिब्बती खाना, इसे देखने के बाद औली और नैनीताल भूल जाएंगे
GH News March 25, 2025 08:08 PM

यह हिल स्टेशन चारों ओर पहाड़ियों से घिरा हुआ है. यहां आप तिब्बती और ब्रिटिश संस्कृति की झलक देख सकते हैं. शोर-शराबे से दूर यह जगह टूरिस्टों के लिए बेस्ट है. मैक्लोडगंज हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में है.

हिमाचल प्रदेश का मैक्लोडगंज हिल स्टेशन बेहद सुंदर है. यह हिल स्टेशन टूरिस्टों को अपनी ओर अट्रैक्ट करता है और उनके सारे अवसाद को दूर कर देता है. गर्मियों में बड़ी तादाद में टूरिस्ट इस हिल स्टेशन की सैर पर आते हैं. आप यहां ट्रैकिंग और कैंपिंग का आनंद ले सकते हैं. इसके साथ ही आसपास की खूबसूरत जगहों को घूम सकते हैं. यकीन मानिए मैक्लोडगंज की सुंदरता को देखने के बाद आपका वापस लौटने का मन नहीं करेगा. खास बात है कि मैक्लोडगंज के पास ही धर्मशाला हिल स्टेशन भी है, आप यहां की सैर भी कर सकते हैं.

इसके साथ ही मैक्लोडगंज के आसपास टूरिस्टों के एक्सप्लोर के लिए कई सारी जगहें हैं, जहां आप घूम सकते हैं और उनके बारे में जान सकते हैं. यहां आप तिब्बती व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं. नामग्याल मठ मैकलोडगंज का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है. यह मठ तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा का निवास स्थान है. नामग्याल मठ सबसे बड़ा तिब्बती मंदिर भी है जिसकी नींव 16 वीं शताब्दी में दूसरे दलाई लामा द्वारा रखी गई थी और इसे भिक्षुओं द्वारा धार्मिक मामलों में दलाई लामा की मदद करने के लिए स्थापित किया गया था.

यह हिल स्टेशन चारों ओर पहाड़ियों से घिरा हुआ है. यहां आप तिब्बती और ब्रिटिश संस्कृति की झलक देख सकते हैं. शोर-शराबे से दूर यह जगह टूरिस्टों के लिए बेस्ट है. मैक्लोडगंज हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में है. यह हिल स्टेशन टूरिस्टों के बीच खासा पॉपुलर है. इस हिल स्टेशन की सैर के लिए देश और विदेश से टूरिस्ट आते हैं. मैक्लोडगंज हिल स्टेशन के कल्चर में तिब्बत का प्रभाव साफ झलकता है. यह हिल स्टेशन दिल्ली से करीब 474 किलोमीटर दूर है.मैक्लोडगंज हिल स्टेशन का नाम डेविड मैक्लेओड के नाम पर रखा गया है. डेविड ब्रिटिश इंडिया में पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर हुआ करते थे. उन्हीं के नाम से इस जगह को मैक्लोडगंज बुलाया गया. यहां आप कई मठ देख सकते हैं.

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