कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू पर गलतबयानी और सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। रीजीजू पर कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बयान को लेकर सदन को गुमराह करने का आरोप है।
लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को दिए नोटिस में आरोप लगाया कि रीजीजू ने सोमवार को निचले सदन में कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के कथित बयान को लेकर सदन को गुमराह किया। उनका कहना है कि खुद शिवकुमार ने मंत्री के बयान को ‘गलत और अपमानजनक’ कहकर खारिज कर दिया है। टैगोर ने कहा, ‘‘मेरा आग्रह है कि किरेन रीजीजू के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू की जाए।’’
राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने भी सोमवार को उच्च सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री रीजीजू के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था। उन्होंने बीजेपी नेताओं पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के कथित बयान को लेकर सदन को 'गुमराह' करने का आरोप लगाया था।
संसदीय कार्य मंत्री रीजीजू ने शिवकुमार का नाम लिए बगैर लोकसभा में कहा था, ‘‘संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति कहता है कि मुसलमानों को आरक्षण दिया जाएगा और संविधान बदला जाएगा...भारत के संविधान में धर्म के नाम पर कोई आरक्षण नहीं हो सकता।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी से कहना चाहता हूं कि अपना पक्ष स्पष्ट करे। अगर आप बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान में विश्वास करते हैं तो जिसने बयान दिया है, उसे तत्काल बर्खास्त कीजिए।’’
वहीं, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने राज्य में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था करने को लेकर संविधान में बदलाव करने के संबंध में कोई भी बयान दिए जाने का सोमवार को खंडन करते हुये दावा किया कि उनकी बात को गलत तरीके से पेश किया गया। साथ ही शिवकुमार ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश करने वालों के खिलाफ वह कानूनी कार्रवाई पर भी विचार कर रहे हैं।