राजगढ़ के बुरांश फूलों से आर्थिक समृद्धि, बागवानी विभाग से मिल रही मदद
Udaipur Kiran Hindi March 26, 2025 02:42 AM

नाहन, 25 मार्च . सिरमौर जिले के राजगढ़ क्षेत्र के जंगलों में प्राकृतिक रूप से उगने वाला बुरांश का फूल अब स्थानीय लोगों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन चुका है. इस समय यहां के जंगलों में लाल रंग के बुरांश के फूल खिले हुए हैं जो न केवल प्राकृतिक सौंदर्य में वृद्धि कर रहे हैं बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर हैं.

यह बुरांश का फूल पूरी तरह से आर्गेनिक होता है और इसके फूलों से स्वकेश (जूस) तैयार किया जाता है जो बाजार में काफी डिमांड में है. बागवानी विभाग द्वारा स्थापित फल विधायन केंद्र में इसे एकत्र कर स्वकेश तैयार किया जाता है और इसकी मार्केट में अच्छी खासी मांग बनी रहती है. इस स्वकेश का औषधीय महत्व भी है जिससे यह और भी ज्यादा लोकप्रिय हो रहा है.

राजगढ़ क्षेत्र के लोग जंगलों से इन बुरांश के फूलों को एकत्र करते हैं और बागवानी विभाग के फल विधायन केंद्र में बेचते हैं जिससे उन्हें अच्छी आय प्राप्त होती है. फल विधायन केंद्र के कनिष्ठ सहायक जगदीश ठाकुर के अनुसार इस वर्ष लगभग 3 हजार क्विंटल बुरांश फूल स्थानीय लोगों से 28 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदे गए हैं, और अब इन फूलों से स्वकेश तैयार किया जा रहा है.

स्वकेश बनाने की प्रक्रिया में पहले फूलों को अच्छे से साफ किया जाता है फिर वैज्ञानिक विधि से उसे तैयार किया जाता है. इस प्रक्रिया के बाद तैयार हुआ स्वकेश बाजार में बिक्री के लिए भेजा जाता है.

राजगढ़ और इसके आसपास के ऊँचे पहाड़ी क्षेत्रों जैसे हरिपुरधार में बुरांश के पेड़ प्राकृतिक रूप से उगते हैं. यह न केवल इन क्षेत्रों के प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाता है बल्कि अब स्थानीय लोगों के जीवन में भी आर्थिक समृद्धि लेकर आया है. बुरांश का फूल अब केवल एक प्राकृतिक आभूषण नहीं बल्कि स्थानीय लोगों के लिए एक सशक्त आय का साधन बन चुका है.

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/ जितेंद्र ठाकुर

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