12वीं के बाद एक साथ दो डिग्री करने का बेहतरीन मौका – कैसे होगा जानिए पूरी प्रक्रिया
Himachali Khabar Hindi March 26, 2025 05:42 PM

क्या आप 12वीं के बाद सिर्फ एक डिग्री से संतुष्ट हैं? जानिए कैसे डुअल डिग्री प्रोग्राम एक साथ दो क्षेत्रों में एक्सपर्ट बना सकता है आपको – वो भी कम समय, कम खर्च में और ज्यादा करियर ऑप्शन के साथ! पढ़िए पूरी डिटेल्स अंदर…

डुअल डिग्री प्रोग्राम (Dual Degree Program) आज के समय में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक उभरता हुआ ट्रेंड बन चुका है, जो छात्रों को एक साथ दो डिग्रियों की पढ़ाई का मौका देता है। अगर आप 12वीं कक्षा के बाद दो अलग-अलग क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करना चाहते हैं, तो यह प्रोग्राम आपके करियर को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।

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क्या है डुअल डिग्री प्रोग्राम?

डुअल डिग्री प्रोग्राम एक ऐसा कोर्स स्ट्रक्चर है, जिसमें छात्र एक ही समय में दो अलग-अलग विषयों में पढ़ाई कर सकते हैं और दोनों में डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, कोई छात्र BA और BBA एक साथ कर सकता है, या फिर B.Tech और MBA की डिग्री एक साथ हासिल कर सकता है। इस प्रकार का अध्ययन आपको दो अलग-अलग क्षेत्रों में दक्षता प्रदान करता है और प्रतिस्पर्धी जॉब मार्केट में आपको दूसरों से आगे बढ़ाता है।

12वीं के बाद डुअल डिग्री प्रोग्राम के विकल्प

भारत में कई विश्वविद्यालय 12वीं के बाद डुअल डिग्री कोर्सेस की सुविधा दे रहे हैं। कुछ लोकप्रिय कॉम्बिनेशन निम्नलिखित हैं:

  • B.Tech + MBA
  • BA + LLB
  • B.Tech + LLB
  • B.Tech + MS
  • BE + ME
  • B.Ed + M.Ed

इन कोर्सेस के लिए विश्वविद्यालयों के अपने-अपने पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria) होते हैं। इन कोर्सेस में प्रवेश के लिए छात्रों को संबंधित विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होता है।

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क्यों चुनें डुअल डिग्री प्रोग्राम?

डुअल डिग्री प्रोग्राम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप एक ही समय में अंडरग्रेजुएट (UG) और पोस्टग्रेजुएट (PG) दोनों डिग्रियां हासिल कर सकते हैं। इससे न सिर्फ आपका समय बचता है, बल्कि लंबे समय तक चलने वाले करियर में भी तेजी आती है। आमतौर पर यह कोर्स 4 से 5 साल में पूरा हो जाता है।

इसके अलावा, डुअल डिग्री कोर्स की मदद से छात्र टेक्नोलॉजी और मैनेजमेंट, या आर्ट्स और लॉ जैसे विभिन्न क्षेत्रों में समानांतर विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं। इससे करियर में अधिक विकल्प खुलते हैं और नौकरी के अच्छे अवसर मिलते हैं।

प्रवेश प्रक्रिया और मान्यता

डुअल डिग्री प्रोग्राम में प्रवेश प्रक्रिया अधिकतर सरल होती है। छात्र को केवल एक बार एंट्रेंस एग्जाम या एप्लिकेशन प्रक्रिया से गुजरना होता है। कोर्स को आप ऑफलाइन, ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) या ऑनलाइन मोड में कर सकते हैं।

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ध्यान देने योग्य बात यह है कि डिग्री प्रोग्राम UGC (University Grants Commission) द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिए। तभी वह भविष्य में मान्य मानी जाएगी और नौकरी के लिए उपयुक्त मानी जाएगी।

डुअल डिग्री का कोर्स स्ट्रक्चर और सिलेबस

डुअल डिग्री प्रोग्राम का कोर्स कंटेंट इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि छात्र दोनों डिग्रियों के लिए जरूरी विषयों को कवर कर सकें। उदाहरण के लिए, B.Tech + MBA करने वाले छात्र को पहले 3-4 साल इंजीनियरिंग विषय पढ़ाए जाते हैं, फिर MBA के कोर्स मॉड्यूल शुरू होते हैं।

यह कोर्स स्ट्रक्चर छात्रों को बैचलर्स और मास्टर्स दोनों स्तर की शिक्षा एक साथ प्राप्त करने का मौका देता है, जिससे उनके ज्ञान और व्यावसायिक क्षमता में वृद्धि होती है।

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करियर में मिलते हैं विशेष फायदे

डुअल डिग्री प्रोग्राम से न केवल शिक्षा में बल्कि करियर में भी कई फायदे होते हैं। इस तरह की डिग्री से छात्र मल्टी-स्किल्ड बनते हैं, जो आज के कॉर्पोरेट और प्रोफेशनल वर्ल्ड में अत्यंत आवश्यक है। कंपनियां ऐसे उम्मीदवारों को प्राथमिकता देती हैं जो एक से अधिक क्षेत्र में काम करने की क्षमता रखते हैं।

इसके अलावा, डुअल डिग्री प्राप्त छात्रों को बेहतर सैलरी पैकेज, प्रमोशन के अवसर और इंटरनेशनल जॉब एक्सपोजर मिलने की संभावनाएं भी अधिक होती हैं।

भविष्य के लिए स्मार्ट इनवेस्टमेंट

डुअल डिग्री प्रोग्राम शिक्षा में एक स्मार्ट इनवेस्टमेंट है। इसमें न केवल समय की बचत होती है बल्कि लंबे समय में यह कोस्ट-इफेक्टिव भी होता है। एक ही प्रवेश प्रक्रिया, एक ही संस्थान और संयुक्त कोर्स स्ट्रक्चर इसे छात्रों के लिए एक व्यावहारिक विकल्प बनाते हैं।

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यदि आप Renewable Energy, Data Science, Management, Law या Creative Arts जैसे क्षेत्रों में एक साथ पढ़ाई करना चाहते हैं, तो डुअल डिग्री आपके लिए नए दरवाज़े खोल सकती है।

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