
केंद्र सरकार ने 9 साल बाद स्वर्ण मुद्रीकरण योजना को बंद करने का निर्णय किया है. बेहतर होती बाजार की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है. इसके बारे में वित्त मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई.गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम बुधवार, 26 मार्च से बंद हो गई है. हालांकि इसके साथ ही यह भी कहा गया कि बैंकों के द्वारा 1 से 3 साल की अवधि के लिए चलाई जा रही शॉर्ट टर्म डिपॉजिट स्कीम जारी रहेगी. कब हुई थी शुरुआतगोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम की शुरुआत 15 सितंबर 2015 को केंद्र सरकार के द्वारा की गई थी. इस योजना को सोने का आयात कम करने के लिए शुरू किया गया था. इसके साथ ही सरकार का उद्देश्य था कि देश में परिवारों और संस्थाओं द्वारा रखे गए सोने को जुटाया जा सके. ताकि इसका इस्तेमाल उत्पादकता बढ़ाने के लिए किया जा सके. कितना हुआ मोनेटाइजेशनइस स्कीम के अंतर्गत नवंबर 2024 तक 31,164 किलो सोने का मुद्रीकरण किया गया है. टोटल डिपाजिट में शॉर्ट टर्म डिपॉजिट 7,509 किलो, लॉन्ग टर्म डिपॉजिट 13,926 किलो का और मिड टर्म गोल्ड डिपॉजिट 9,728 किलो था. इस योजना में शॉर्ट टर्म डिपॉजिट 1 से 3 साल के लिए मीडियम टर्म डिपॉजिट पाठ से 7 साल के लिए और लॉन्ग टर्म डिपॉजिट 12 से 15 साल के लिए होता था. जिसमें से शॉर्ट टर्म डिपॉजिट जारी रहेगा. सोने के दाम में उछाल1 जनवरी 2024 को सोने की कीमत 63,920 रुपये प्रति 10 ग्राम थी. जो अब 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से ज्यादा हो गई है. गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम को बंद करने का ये है कारण9 साल पुरानी स्कीम को बंद करने के लिए वित्त मंत्रालय के द्वारा आर्थिक परिस्थितियों का हवाला दिया गया है. वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि योजना के प्रदर्शन, आर्थिक परिस्थितियों और उभरते बाजार के कारण इसे बंद करना उचित रहेगा. पहले से जमा का क्या होगा?इस योजना में 26 मार्च 2025 से नया सोना डिपाजिट नहीं किया जाएगा, लेकिन पहले से किए गए डिपॉजिट अवधि पूरी होने तक मौजूद दिशा निर्देशों के अनुसार जारी रहेंगे.