एक-दूसरे को बेहतर जानने का सबसे प्रभावी तरीका है साथ में सफर करना। यही कारण है कि अधिकतर भारतीय जोड़े शादी के तुरंत बाद हनीमून पर जाते हैं। मेक माई ट्रिप के एक सर्वे के अनुसार, 70% भारतीय जोड़े शादी के दस दिनों के भीतर हनीमून पर निकल जाते हैं, जबकि बाकी अपनी सुविधा के अनुसार बाद में यात्रा करते हैं। लेकिन शादी के शुरुआती सफर के बाद रोजमर्रा की जिंदगी, ऑफिस और पारिवारिक जिम्मेदारियों में फंसकर कितने जोड़े नियमित रूप से घूमने का समय निकाल पाते हैं?
अक्सर, समय के साथ यह यात्राएं फैमिली ट्रिप में बदल जाती हैं, जहां माता-पिता की अधिकांश ऊर्जा बच्चों के खाने, दवाइयों और डायपर जैसी ज़रूरतों में खर्च हो जाती है। माना कि भारतीय संस्कृति में बच्चों को छोड़कर यात्रा करने की धारणा कम स्वीकार्य है, लेकिन एक-दूसरे के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताना रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक है। आइए जानते हैं कि क्यों साथ में सफर करना शादीशुदा रिश्ते के लिए जरूरी है—
1. रोजमर्रा की एकरसता से ब्रेकशादीशुदा जीवन अक्सर एक तय दिनचर्या में बंध जाता है—वही ऑफिस, घर, जिम्मेदारियां और वही दोहराव। धीरे-धीरे यह दिनचर्या नीरसता का रूप ले लेती है। इस उबाऊ रूटीन को तोड़ने और रिश्ते में नई ऊर्जा भरने के लिए छोटे-छोटे ट्रिप्स बेहद फायदेमंद होते हैं। जब आप अपने जीवनसाथी के साथ एक नई जगह पर होते हैं, तो आप दोनों एक-दूसरे पर अधिक निर्भर होते हैं, जिससे आपसी विश्वास और भावनात्मक जुड़ाव मजबूत होता है।
2. साथ में यात्रा की योजना बनाएंट्रिप की योजना बनाना जितना रोमांचक होता है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है। अक्सर, यात्रा के दौरान साथी की अपेक्षाएं अलग-अलग होती हैं—
कोई घूमने की हर जगह एक्सप्लोर करना चाहता है, तो कोई बस आराम से समय बिताना पसंद करता है।
कोई नई जगहों की तस्वीरें लेना चाहता है, तो कोई स्थानीय भोजन का लुत्फ उठाना चाहता है।
इन मतभेदों से बचने के लिए दोनों की पसंद को ध्यान में रखकर यात्रा की योजना बनाएं। यह तय करें कि कौन-कौन सी जगह घूमनी है, कौन-सी गतिविधियां करनी हैं और यात्रा को मौज-मस्ती और आराम का संतुलन कैसे दिया जाए।
3. सफर की मुश्किलें और आपसी समझयात्रा में हमेशा सबकुछ योजना के अनुसार नहीं चलता—
ट्रेन या फ्लाइट लेट हो सकती है।
सामान गुम हो सकता है।
नई जगह पर उपयुक्त भोजन मिलना मुश्किल हो सकता है।
अचानक से किसी की तबीयत खराब हो सकती है।
ऐसी स्थितियों में एक-दूसरे को समझना और सहयोग देना बेहद जरूरी होता है। सफल जोड़े मुश्किलों का हल मिलकर निकालते हैं, बजाय एक-दूसरे पर दोषारोपण करने के। सफर की इन छोटी-छोटी चुनौतियों से रिश्ते की गहराई बढ़ती है और आपसी सामंजस्य मजबूत होता है।
4. खुलकर बातचीत का मौकारोजमर्रा की जिंदगी में ऑफिस, घर, बच्चों और जिम्मेदारियों के कारण पति-पत्नी के बीच गहरी बातचीत का समय नहीं मिल पाता। लेकिन सफर के दौरान, जब आप काम के ईमेल्स और घरेलू तनाव से दूर होते हैं, तो खुले दिल से एक-दूसरे से बातें करने का अवसर मिलता है। यह संवाद आपके रिश्ते को और अधिक मजबूत और जीवंत बनाता है।
5. साथी के बारे में नई बातें जानने का अवसरअक्सर शादी के कुछ वर्षों बाद यह महसूस होता है कि हम अपने जीवनसाथी को पूरी तरह से जान चुके हैं, लेकिन यात्रा के दौरान हम एक-दूसरे के नए पहलुओं से परिचित होते हैं।
नए स्थानों की खोज करते हुए,
नई संस्कृतियों को अपनाते हुए,
और नई गतिविधियों में भाग लेते हुए,
आपको अपने साथी के अलग-अलग पहलुओं को देखने और समझने का अवसर मिलता है। इससे न केवल रिश्ते में ताजगी बनी रहती है, बल्कि आप दोनों का आपसी लगाव भी गहराता है।
6. शोध भी बताते हैं कि साथ में यात्रा करने वाले जोड़े ज्यादा खुश रहते हैं‘जर्नल ऑफ ट्रैवल रिसर्च’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार:
जो जोड़े नियमित रूप से साथ सफर करते हैं, उनका आपसी संवाद बेहतर होता है।
1000 विवाहित जोड़ों पर किए गए सर्वे में पाया गया कि
84% वे जोड़े जो अपनी शादी से संतुष्ट थे, वे नियमित रूप से साथ घूमने जाते हैं।
90% वे जोड़े जो हनीमून के बाद कम से कम 3-4 बार साथ सफर कर चुके थे, वे अपने रिश्ते में ज्यादा संतुष्ट पाए गए।
जिन जोड़ों में असंतोष था, उनमें से 78% कभी-कभार ही साथ घूमने जाते थे।
साथ में यात्रा करने का सबसे बड़ा कारण था— एक-दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम बिताना।
7. ‘ब्रूज्ड पासपोर्ट’ के सफर से प्रेरणा लेंट्रैवल इंफ्लूएंसर सवि और विदित, जिन्होंने 107 से अधिक देशों की यात्रा की है, अपने अनुभवों के आधार पर कहते हैं—
“जो जोड़े साथ घूमते हैं, वे साथ रहते हैं। यात्रा से हम दोनों एक-दूसरे के और करीब आए हैं। हर नई जगह हमें एक नया अनुभव देती है, जिससे हमारा रिश्ता और मजबूत होता है।”
विदित कहते हैं,
“हमारे लिए यात्रा करना ध्यान (मेडिटेशन) करने जैसा है। सफर के दौरान हम अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर आते हैं और जीवन से जुड़ी नई बातें सीखते हैं।”
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