चैत्र नवरात्रि के दौरान माता रानी के भक्त व्रत में फलाहार के रूप में कुट्टू की पूड़ी, पकौड़ी और चीला जैसी चीजें बनाकर खाते हैं। ग्लूटेन-फ्री कुट्टू का आटा फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होता है, जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने और वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है। लेकिन जब इसमें मिलावट हो जाती है, तो यह सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। हर साल मिलावटी कुट्टू के आटे के सेवन से लोगों के बीमार पड़ने की खबरें आती रहती हैं। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के अनुसार, मिलावटी अनाज में हानिकारक केमिकल, जहरीले बीज, चूहों के बाल और गंदगी पाई जा सकती है। इसलिए कुट्टू के आटे में मिलावट की पहचान करने के लिए कुछ आसान घरेलू उपाय अपनाने जरूरी हैं।
कुट्टू के आटे में मिलावट की जांच कैसे करें? 1. आटे की शुद्धता की पहचानकिसी भी आटे, मैदा या सूजी में रेत, कीड़े, गांठ, चूहों के बाल या मलमूत्र मिला हो सकता है। इसकी जांच करने के लिए:
आटे को छानकर देखें, अगर उसमें असामान्य चीजें मिलें तो वह मिलावटी हो सकता है।
पानी टेस्ट करें: एक गिलास पानी में एक चम्मच कुट्टू का आटा डालें और बिना हिलाए छोड़ दें। अगर आटा नीचे बैठ जाए और अन्य चीजें ऊपर तैरने लगें, तो समझ लें कि इसमें मिलावट है।
कांच के गिलास में 5 ग्राम कुट्टू का आटा डालें।
इसमें 20 एमएल कार्बन टेट्राक्लोराइड मिलाएं।
कुछ देर इंतजार करें। अगर आटे में रेत या अन्य गंदगी मिली होगी, तो वह गिलास के तले में बैठ जाएगी।
एर्गोट एक जहरीला पदार्थ है, जिसे कैंसर जैसे गंभीर साइड इफेक्ट से जोड़ा जाता है। इसके दाने दिखने में लंबे, बैंगनी-काले रंग के होते हैं। जांच करने के लिए:
कांच के गिलास में कुट्टू के कुछ दाने डालें।
इसमें 100 एमएल पानी में 20 ग्राम नमक मिलाकर डालें।
कुछ देर में अगर एर्गोट के दाने पानी की सतह पर तैरने लगें, तो यह मिलावटी हो सकता है।
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