घायलों में नेपाल पुलिस के 53 व सशस्त्र प्रहरी बल के 34 जवान भी शामिल
काठमांडू, 29 मार्च . काठमांडू में राजशाही को वापस लाने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प में दो लोगों की मौत हो गई. एक पत्रकार को जिंदा जला दिया गया, जबकि एक अन्य व्यक्त की पुलिस गोली लगने से मौत हो गई.
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच दिनभर शुक्रवार को चली झड़प के दौरान स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए पुलिस द्वारा चलाई गई गोली से घायल एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता छवि रिजाल ने बताया कि तिनकुने क्षेत्र में हुए प्रदर्शन के दौरान उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा चलाई गई गोली लग कर घायल 29 वर्षीय सबीन महर्जन की उपचार के दौरान मौत हो गई. उन्होंने बताया कि सीने में गोली लगने के कारण मौत होने की जानकारी चिकित्सकों ने दी है.
इसी तरह झड़प की रिपोर्टिंग करने के लिए गए एक पत्रकार की जिंदा जलकर मौत हो गई . प्रदर्शनकारियों ने जिस भवन को आग के हवाले किया, उसी भवन से एक पुरुष का शव निकला जिसकी पहचान एक स्थानीय टीवी चैनल के कैमरामैन के रूप में की गई . गृह मंत्रालय के प्रवक्ता रिजाल ने बताया कि इस पत्रकार का शव 95 प्रतिशत जले हुए अवस्था में बरामद किया गया. हालांकि प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि इसी भवन में पुलिस ने बहुत अधिक मात्रा में अश्रु गैस के बुलेट रखने के कारण वहां आग पकड़ ली. सोशल मीडिया पर अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने एक वीडियो डाला है जिसमें इसी भवन से पुलिस द्वारा मंच पर अश्रु गैस प्रहार करते हुए दिखाया गया है.
प्रदर्शन के दौरान 110 लोग घायल हो गए हैं. काठमांडू के एसएसपी विश्व अधिकारी के मुताबिक घायलों में अधिकांश सुरक्षाकर्मी ही शामिल हैं. उन्होंने बताया कि नेपाल पुलिस के 53, सशस्त्र प्रहरी बल के 34 जवान घायल हो गए हैं. 33 प्रदर्शनकारियों के भी घायल होने की खबर है. सरकार ने सभी घायलों का इलाज मुफ्त में कराने का फैसला किया है.
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/ पंकज दास