शाम को सोने के पीछे के वैज्ञानिक और धार्मिक कारण
Gyanhigyan March 29, 2025 02:42 PM
शाम को सोने से क्यों बचें?

आपने अक्सर बड़े-बूढ़ों को यह कहते सुना होगा कि शाम के समय सोना ठीक नहीं है। यदि आप शाम को सो जाते हैं, तो वे आपको टोकते हैं। हालांकि, कई युवा इसे अनदेखा कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शाम को सोने से मना करने के पीछे क्या कारण है? यह केवल धार्मिक नहीं, बल्कि वैज्ञानिक भी है।


शाम को सोने का वैज्ञानिक पहलू

विशेषज्ञों के अनुसार, शाम को सोने से हमारे पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, यदि आप शाम को सोते हैं, तो रात में नींद नहीं आती, जिससे आप पूरी रात करवट बदलते रहते हैं। नींद की कमी से कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।


एक और तार्किक कारण है कि सुबह सूरज उगने पर हम ऊर्जा के साथ अपने कार्यों की शुरुआत करते हैं। शाम को सूर्य के अस्त होते ही सभी काम समाप्त कर लिए जाते हैं। यदि आप शाम को सो जाते हैं, तो आपके सभी कार्य अधूरे रह जाएंगे, जिससे अगले दिन आपके ऊपर काम का बोझ बढ़ जाएगा।


शाम को सोने का धार्मिक दृष्टिकोण

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, ईश्वर की पूजा का सबसे उपयुक्त समय सुबह और शाम होता है। मान्यता है कि शाम के समय मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और मां दुर्गा घर में आती हैं। यदि आप सो रहे होते हैं, तो वे लौट जाती हैं।



शाम को सोने से घर में नकारात्मक ऊर्जा फैलती है। महालक्ष्मी उस घर में प्रवेश नहीं करती जहां नकारात्मकता होती है। लक्ष्मीजी की अनुपस्थिति से घर में समृद्धि नहीं रहती और आर्थिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं।


इसके अलावा, यदि आप शाम के समय पूजा-पाठ करने के बजाय सोते हैं, तो आपको पाप लगता है। इससे ईश्वर आपसे नाराज हो जाते हैं और आपके जीवन में समस्याएं आने लगती हैं।


शाम को किन कार्यों से बचें

शाम को सोने के अलावा कुछ अन्य कार्य भी हैं, जिन्हें करने से देवी-देवता नाराज हो सकते हैं। जैसे, शाम के समय नाखून नहीं काटने चाहिए। इसके अलावा, दाढ़ी बनाना और बाल झाड़कर फेंकना भी नहीं चाहिए। ये सभी कार्य घर में नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं, जिससे देवी-देवता नाराज हो जाते हैं और हमारी इच्छाएं पूरी नहीं होतीं।


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