भूकंपों का कहर: जानिए दुनिया के सबसे विनाशकारी भूकंपों के बारे में
newzfatafat March 29, 2025 08:42 PM
भूकंप का विनाशकारी प्रभाव

जब धरती कांपती है, तो इंसान की बनाई हुई ऊंची इमारतें, पुल और सड़कें पल भर में ध्वस्त हो जाती हैं। भूकंप का प्रकोप इतना भयानक होता है कि इसके निशान दशकों तक बने रहते हैं। हाल ही में म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने एक बार फिर से दुनिया को हिला कर रख दिया है। इसका प्रभाव भारत से लेकर थाईलैंड तक महसूस किया गया, जहां इस भूकंप के कारण भारी तबाही हुई और 1000 से अधिक लोगों की जान चली गई।


इतिहास के सबसे भयानक भूकंप

ऐसे कई भूकंप हुए हैं जिन्होंने लाखों लोगों की जान ली और देशों की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया। कुछ भूकंपों ने सुनामी को जन्म दिया, जबकि अन्य ने धरती को फाड़ दिया। आइए जानते हैं कुछ सबसे खतरनाक भूकंपों के बारे में।


जब समुद्र ने निगल लिए लाखों लोग

26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के पास 9.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने हिंद महासागर में विनाशकारी सुनामी को जन्म दिया। इस आपदा में 2,83,000 से अधिक लोग मारे गए और लाखों बेघर हो गए।


जापान का फुकुशिमा भूकंप और सुनामी

11 मार्च 2011 को जापान में 9.1 तीव्रता का भूकंप आया, जो आधुनिक इतिहास में सबसे भयानक भूकंपों में से एक था। इसके बाद आई सुनामी ने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को भी बर्बाद कर दिया, जिससे एक परमाणु संकट उत्पन्न हुआ। इस त्रासदी में लगभग 18,000 लोगों की जान गई।


रूस का कामचातका भूकंप

4 नवंबर 1952 को रूस के कामचातका प्रायद्वीप में 9.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे पूरे प्रशांत महासागर में सुनामी आई। इस आपदा में लगभग 4,000 लोगों की जान गई।


इक्वाडोर-कोलंबिया भूकंप

2016 में इक्वाडोर और कोलंबिया में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें करीब 2,000 लोगों की जान गई और हजारों लोग बेघर हो गए।


भारत का कच्छ भूकंप

भारत में 26 जनवरी 2001 को गुजरात के कच्छ में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें लगभग 20,000 लोगों की जान गई और हजारों इमारतें ध्वस्त हो गईं।


सुमात्रा भूकंप

11 अप्रैल 2012 को इंडोनेशिया के सुमात्रा तट पर 8.6 तीव्रता का भूकंप आया। पहले झटके में केवल 10 लोगों की मौत हुई, लेकिन इसके बाद आई सुनामी ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया।


क्या भूकंप से बचाव संभव है?

भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं को रोकना असंभव है, लेकिन सावधानी और उचित आपदा प्रबंधन से जानमाल की हानि को कम किया जा सकता है। जापान जैसे देशों में भूकंपरोधी इमारतें बनाई जाती हैं, जो झटकों को सहन कर सकती हैं। भारत जैसे देशों को भी भूकंप से बचाव के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे और जागरूकता अभियानों की आवश्यकता है।


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