By Jitendra Jangid- दोस्तो भूकंप एक प्राकृतिक आपदा हैं, जो व्यापक तबाही मचाने की क्षमता रखती है। ये भूकंपीय घटनाएँ अचानक होती हैं और इनसे जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है, बुनियादी ढाँचे को नुकसान पहुँच सकता है और लंबे समय तक प्रभाव रह सकता है। लेकिन दोस्तो क्या आपने कभी सोचा हैं ऐसा क्यों होता हैं, इसके कई कारण हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में-
भूकंप विनाश में योगदान देने वाले प्रमुख कारक:
तीव्रता:
भूकंप की तीव्रता या ताकत नुकसान की सीमा निर्धारित करने में एक प्रमुख कारक है। तीव्रता जितनी अधिक होगी, भूकंप उतना ही शक्तिशाली होगा, जिससे संरचनाओं और समुदायों पर अधिक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
उपरिकेंद्र से निकटता:
आबादी वाला क्षेत्र भूकंप के केंद्र के जितना करीब होगा, उतना ही अधिक नुकसान होने की संभावना होगी। भूकंप के केंद्र के पास स्थित क्षेत्रों में अधिक तेज़ कंपन होने की संभावना अधिक होती है।
गहराई:
भूकंप की गहराई इसकी विनाशकारीता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पृथ्वी की सतह के करीब आने वाले भूकंप, खास तौर पर 0-70 किलोमीटर की गहराई वाले भूकंप, ज़्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।
इमारतों का बुनियादी ढांचा:
इमारतों और बुनियादी ढांचे की लचीलापन भी भूकंप के दौरान नुकसान के स्तर को प्रभावित करता है। मज़बूत, अच्छी तरह से डिज़ाइन की गई इमारतें भूकंपीय ताकतों का सामना करने में ज़्यादा सक्षम होती हैं, जिससे ढहने का जोखिम कम होता है।
मिट्टी की संरचना और द्रवीकरण:
प्रभावित क्षेत्र में मिट्टी का प्रकार एक और महत्वपूर्ण कारक है। ढीली, गीली मिट्टी वाले क्षेत्रों में, भूकंप द्रवीकरण नामक घटना को ट्रिगर कर सकता है। यह तब होता है जब भूकंपीय गतिविधि के कारण मिट्टी के कणों के बीच पानी का दबाव बढ़ जाता है, जिससे मिट्टी अपना ठोस रूप खो देती है और तरल की तरह व्यवहार करती है।
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