हार्ट को बेहतर या बीमारी से बचाने के लिए कौन कौन से टेस्ट कराने चाहिए ....
Newshimachali Hindi March 30, 2025 02:42 AM

Common Medical Tests For Heart : दिल को बीमारियों से दूर और हेल्दी रखना चाहते हैं तो समय रहते कुछ जरूरी टेस्ट जरूर करवा लें. दिल (Heart) हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है.

शरीर बेहतर ढंग से काम करता रहे, इसके लिए दिल का दुरुस्त रहना बेहद जरूरी है. खराब खानपान, बिगड़ती लाइफस्टाइल और तनाव दिल की सेहत पर दबाव डाल रहता है. जिसकी वजह से हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल जैसे हार्ट डिजीज (Heart Disease) का खतरा रहता है.

WHO के अनुसार, दुनिया में सबसे ज्यादा मौत हार्ट की बीमारियों कीवजह से ही होती है. हर 5 में से 4 लोगों की मौत हार्ट डिजीज की वजह से ही होती है. ऐसे में दिल को हेल्दी रखना बहुत जरूरी है. इसके लिए आपको समय-समय कुछ मेडिकल टेस्ट कराते रहना चाहिए, ताकि पता चलता रहे कि दिल हेल्दी है या नहीं. यहां जानिए ऐसे ही कुछ टेस्ट के बारें में...

1. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid profile tests)

CDC के अनुसार, इस टेस्ट से शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल की जांच की जाती है. जिसकी ज्यादा मात्रा दिल को ब्लड सप्लाई करने से रोकता है. इससे हाई बीपी, हार्ट डिजीज या हार्ट अटैक का खतरा रहता है.

2. कार्डिएक रिस्क और कार्डिएक स्क्रीन टेस्ट

दिल की बीमारियों का पारिवारिक इतिहास या डायबिटीज, मोटापा, बीपी जैसे रिस्क वाले लोगों को ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, शुगर टेस्ट कराने चाहिए, ताकि बीमारियों का खतरा टल सके. इसके लिए कार्डिएक रिस्क और कार्डिएक स्क्रीन टेस्ट (Cardiac risk and cardiac screen tests) होता है.

3. ट्रू हेल्थ हार्ट (True Health Heart)

इस टेस्ट के जरिए दिल को खास स्तरों पर जांचकर उसकी सेहत का पता लगाया जाता है. इसी के आधार पर आगे की दवाइयां होती हैं और डॉक्टर बताते हैं कि किस तरह हार्ट की सेहत को अच्छा रखना है.

4. डायबिटीज और मोटापे के लिए टेस्ट

टाइप 2 डायबिटीज या डायबिटीज मेलिटस के मरीजों में हाई ब्लड शुगर का लेवल बढ़ना हार्ट को प्रभावित कर सकता है. इसलिए ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच जरूरी है. ज्यादा वजन और मोटापा भी दिल की बीमारियों का कारण बनता है. मोटापे के लिए टेस्ट और इसमें शामिल फैक्टर्स की जांच जरूर करवाएं.

5. ब्लड टेस्ट (Blood Tests)

मांसपेशियों को नुकसान होने पर हार्ट अटैक पड़सकता है. इस दौरान शरीर खून में केमिकल भेजता है. जिसे ब्लड टेस्ट के जरिए मापा जा सकता है. इससे यह पता चलता है कि हार्ट की मांसपेशियों को कितना नुकसान हुआ है. इस टेस्ट से ही खून में अन्य केमिकल्स जैसे ब्लड फैट (कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स सहित), विटामिन और खनिजों का पता चलता है.

6. इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG)

इस टेस्ट से पता चलता है कि दिल कितनी अच्छी तरह ब्लड को पंप कर रहा है. इसमें चेस्ट, हाथ और पैरों पर, छोटे चिपचिपे धब्बे और तार के तार लगाए जाते हैं. इसकी लीड एक ईसीजी मशीन से जुड़े होते हैं, जो कागज पर इलेक्ट्रिकल इंपल्सेस को रिकॉर्ड और प्रिंट करता है. दिल की धड़कन की पहचान के लिए डॉक्टर इस टेस्ट की सलाह देते हैं.

7. एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट (Exercise stress test)

एक ईसीजी टेस्ट जिसे स्ट्रेस टेस्ट के तौर पर जाना जाता है. इसे ट्रेडमिल या एक्सरसाइज टेस्ट भी कहा जाता है. इसमें एक्सरसाइज करने के दौरान डॉक्टर इस बात की जांच करते हैं कि फिजिकल एक्टिविटीज के दौरान आपका दिल सही तरह काम कर रहा है या नही

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि NH किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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