असम के पत्रकार दिलवर हुसैन मजूमदार को शनिवार को न्यायिक हिरासत से रिहा कर दिया गया। इससे एक दिन पहले अदालत ने उन्हें दूसरे मामले में जमानत दी थी। मजूमदार के वकील ने यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि उन्हें किसी पत्रकार द्वारा उनके खिलाफ लिखने से कोई समस्या नहीं है, लेकिन अगर कोई पत्रकार ‘‘अन्य गतिविधियों में संलिप्त है, तो कानून सभी के लिए समान है।’’
शर्मा ने हाल में दावा किया था कि सरकारी मानदंडों के अनुसार मजूमदार ‘‘मान्यता प्राप्त’’ पत्रकार नहीं हैं।
मजूमदार को सबसे पहले मंगलवार आधी रात को गुवाहाटी पुलिस ने एक बैंक कर्मचारी द्वारा दर्ज कराए गए मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था, जब वह असम कोऑपरेटिव एपेक्स बैंक लिमिटेड में कथित वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को कवर करने गए थे।
इस मामले में मजूमदार को बुधवार को जमानत दे दी गई थी, लेकिन अगले दिन बैंक के प्रबंध निदेशक द्वारा दर्ज कराए गए दूसरे मामले में उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। पत्रकार पर बैंक के मूल्यवान दस्तावेज चुराने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है।
मजूमदार के वकील ने बताया कि डिजिटल पोर्टल ‘द क्रॉस करंट’ के मुख्य संवाददाता को दूसरे मामले में शुक्रवार को जमानत मिल गई और कानूनी औपचारिकताओं के बाद उन्हें आज न्यायिक हिरासत से रिहा कर दिया गया।
गुवाहाटी प्रेस क्लब के सहायक महासचिव मजूमदार की गिरफ्तारी के बाद पत्रकारों और अन्य संगठनों ने देश भर में विरोध-प्रदर्शन किया था।
प्रेस की स्वतंत्रता के कथित उल्लंघन के खिलाफ शनिवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन किए गए, जिनमें कांग्रेस, रायजोर दल और वामपंथी दलों के एक समूह ने भी प्रदर्शन किए। विपक्षी दलों द्वारा गुवाहाटी समेत कई जगहों पर मुख्यमंत्री के पुतले जलाए गए।
पीटीआई के इनपुट के साथ