सर्वे में बड़ा खुलासा, 82 फीसदी दिव्यांगों का बीमा नहीं, 42% आयुष्मान योजना से अनभिज्ञ
Webdunia Hindi March 31, 2025 09:42 AM

देश के 82 प्रतिशत दिव्यांगो के पास किसी भी प्रकार का बीमा नहीं है, जबकि 42 प्रतिशत दिव्यांग सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य योजना, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) से अनभिज्ञ हैं। यह खुलासा विभिन्न अधिकार समूहों द्वारा कराए गए राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में हुआ है। राष्ट्रीय दिव्यांगता नेटवर्क (एनडीएन) ने पिछले सप्ताह हुई बैठक में सर्वेक्षण के नतीजों को पेश किया। इस बैठक में 20 से अधिक राज्यों के नागरिक समाज समूह और दिव्यांग अधिकार संगठन समुदाय के समक्ष उपस्थित ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए थे।

नेशनल सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ एम्प्लॉयमेंट फॉर डिसेबल्ड पीपुल (एनसीपीईडीपी) द्वारा ‘आयुष्मान फॉर ऑल’ अभियान के तहत किए गए सर्वेक्षण में 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 5,000 से अधिक दिव्यांग व्यक्तियों की राय ली गई। सर्वेक्षण में खुलासा हुआ कि इस योजना का उद्देश्य हाशिए पर रहने वाली आबादी को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है, इसके बावजूद सर्वेक्षण में शामिल केवल 28 प्रतिशत दिव्यांगों ने ही इसका लाभ लेने की पहल की थी।

ALSO READ:

एनसीपीईडीपी के कार्यकारी निदेशक अरमान अली ने कहा, ये संख्याएं महज आंकड़े नहीं हैं; ये वास्तविक लोगों का प्रतिनिधित्व करती हैं जो आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल से वंचित रह गए हैं। उन्होंने कहा, स्वास्थ्य बीमा दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विशेषाधिकार नहीं है, यह जीवनयापन के लिए एक आवश्यकता है। बीमा पर दिल्ली उच्च न्यायालय का फैसला एक मील का पत्थर था, फिर भी निजी बीमा कंपनियां उन्हें यह सुविधा देने से इनकार कर रही हैं। जागरूकता और पहुंच में कमी है।

अली ने सरकार के मानदंडों पर भी सवाल उठाया और कहा कि आयुष्मान भारत 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों लाभांवित करता है, लेकिन दिव्यांग व्यक्तियों के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा, दिव्यांगता और गरीबी एक दुष्चक्र का हिस्सा हैं। हम केवल योजनाओं की मांग नहीं कर रहे हैं, हम प्रतिनिधित्व और नीतिगत बदलावों की मांग कर रहे हैं।

ALSO READ:

बैठक में विशेषज्ञों ने दिव्यांगों को स्वास्थ्य बीमा प्राप्त करने से रोकने वाली प्रणालीगत बाधाओं को रेखांकित किया। मल्टीपल स्क्लेरोसिस सोसाइटी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव संदीप चिटनिस ने कई लोगों के सामने आने वाली समस्याओं का वर्णन करते हुए कहा, जिस क्षण आपकी दिव्यांगता का पता चलता है, बीमा कराना लगभग असंभव हो जाता है। आवेदनों को सीधे खारिज कर दिया जाता है। हमें एक नकदी रहित, सुलभ प्रणाली की आवश्यकता है जो लोगों को उनकी दिव्यांगता के लिए दंडित न करे। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.