देश में स्वास्थ्य सुविधाओं को और भी बेहतर बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा लगातार कई प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य न केवल इलाज की गुणवत्ता में सुधार लाना है, बल्कि लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी करना है। खासतौर पर महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, क्योंकि महिलाएं अक्सर अपने स्वास्थ्य की उपेक्षा करती हैं। महिला कैंसर, विशेषकर ब्रेस्ट कैंसर, को लेकर सरकार सजग है और इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।
ब्रेस्ट कैंसर से निपटने के लिए केन्द्र सरकार की पहल
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने महिला मृत्यु दर को कम करने के लिए कई महत्वपूर्ण उपायों की घोषणा की है। उनका मानना है कि यदि ब्रेस्ट कैंसर का समय रहते पता चल जाए, तो इससे बड़ी संख्या में महिलाओं की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि यदि ब्रेस्ट कैंसर की पहचान प्रारंभिक अवस्था में हो, तो इलाज से मृत्यु दर को काफी हद तक कम किया जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, और यह एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है। आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 14 लाख नए कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें से करीब 2 लाख मामले ब्रेस्ट कैंसर के होते हैं। इस संदर्भ में, उन्होंने स्वास्थ्य जीवनशैली, जागरूकता, समय पर जांच और उपचार को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
ब्रेस्ट कैंसर की समस्या और उसका इलाज
भारत में ब्रेस्ट कैंसर की समस्या एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है, और इसके कारण महिलाओं में मृत्यु दर भी बढ़ रही है। अनुप्रिया पटेल ने कहा कि सरकार इस पर पूरी गंभीरता से काम कर रही है और आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक 15 करोड़ महिलाओं की ब्रेस्ट कैंसर जांच की जा चुकी है। इसके अलावा, देश भर में 200 डे केयर कैंसर सेंटर खोले जा रहे हैं, ताकि कैंसर का जल्दी पता लगाया जा सके और इलाज जल्दी शुरू हो सके।
जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता
ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए बीआईएसआई (Breast Imaging Society of India) ने पिछले 12 वर्षों से कड़ी मेहनत की है। इस संस्था के 800 से अधिक सदस्य हैं, जो इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। इस संस्था का उद्देश्य ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षणों के बारे में लोगों को शिक्षित करना और रेडियोलॉजिस्टों को बेहतर प्रशिक्षण देना है।
ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण
ब्रेस्ट कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों को पहचानना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि समय पर पहचान से इसका इलाज संभव है। ब्रेस्ट कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
ब्रेस्ट में या आसपास गांठ का महसूस होना – यह सबसे सामान्य लक्षण होता है। यदि किसी महिला को ब्रेस्ट में कोई गांठ महसूस हो, तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है।
बिना किसी कारण वजन कम होना – अगर किसी महिला का वजन बिना किसी स्पष्ट कारण के घट रहा हो, तो यह एक अन्य चेतावनी संकेत हो सकता है।
निप्पल से डिस्चार्ज होना – यदि निप्पल से कोई असामान्य डिस्चार्ज हो, जैसे रक्तस्राव या पीला स्राव, तो यह कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
ब्रेस्ट में असामान्य बदलाव – ब्रेस्ट का आकार बदलना, त्वचा में असामान्य कठोरता आना, या ब्रेस्ट के आकार में असमानता आना भी ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
कैंसर के प्रति जागरूकता और प्रभावी कदम
कैंसर के बढ़ते मामलों के बीच, जागरूकता फैलाने और महिलाओं को समय पर स्क्रीनिंग कराने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं। इन प्रयासों के तहत, स्वास्थ्य मंत्रालय कैंसर की पहचान और इलाज के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है, जिससे देशभर में ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ेगी और महिलाएं इसकी शुरुआती अवस्था में पहचान कर सकेगीं। इसके अलावा, महिलाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे नियमित रूप से ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग कराएं, खासकर 40 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाएं। ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने और इलाज की बेहतर सुविधा देने के लिए स्थानीय समुदायों में कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
सरकार की निरंतर कोशिश
सरकार ने ब्रेस्ट कैंसर के खिलाफ अपनी लड़ाई को और भी मजबूत बनाने के लिए कई नई योजनाओं की शुरुआत की है। इस दिशा में सरकार की ओर से किए गए प्रयासों को देख कर यह कहा जा सकता है कि अगर यह निरंतर प्रयास जारी रहे, तो ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली मौतों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।