लहसुन और प्याज की खेती कई किसानों के लिए लाभकारी साबित होती है। इनकी मांग सालभर बनी रहती है, जिससे किसानों को नुकसान नहीं होता। हालांकि, अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए किसानों को मेहनत करनी पड़ती है। फसल की गुणवत्ता और आकार पर भी कीमत निर्भर करती है। यदि कंद का आकार छोटा होता है, तो कीमत भी कम मिलती है। इसलिए, किसानों को अपनी फसल पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
किसानों को लहसुन और प्याज के कंद को बड़ा करने के लिए चार प्रकार के खाद का उपयोग करना चाहिए। ये खाद हैं: डीएपी, एमओपी, कैल्शियम नाइट्रेट और जैविक खाद।
इनकी मात्रा इस प्रकार है: एक एकड़ के लिए 50 किलो डीएपी, 25 किलो MOP, 10 किलो कैल्शियम नाइट्रेट और 2 से 4 किलो जैविक खाद। जैविक खाद का उपयोग करने से फसल को पोषण मिलता है और कंद का आकार बड़ा होता है।
लहसुन की खेती करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। मिट्टी की तैयारी बलुई दोमट से करें, जिसका पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए।
जुताई दो से तीन बार करें और अच्छी गुणवत्ता वाले बीज का चयन करें। बुवाई का सही समय अक्टूबर से नवंबर के बीच होता है।
सिंचाई का ध्यान रखें और सुनिश्चित करें कि खेतों में पानी ना रुके। कीटों और रोगों से बचाव के लिए जैविक कीटनाशक का उपयोग करें।
इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के अनुभवों और इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से सलाह अवश्य लें।